छोटे option buyer ऑप्शन ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमा सकते है?

जीवन पाटील
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छोटे option buyer ऑप्शन ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमा सकते है? 

छोटे option buyer ऑप्शन ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमा सकते है?

 दोस्तो, अगर आप छोटे से ऑप्शन बाय है और शेयर मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग से पैसे कमाना चाहते हैं तो यह पोस्ट आपके लिए ही है। इस पोस्ट में आपको छोटी से option buyer किस तरह से ऑप्शंस में पैसे कमा सकते है, यह बताया गया है।


कई सारे ऐसे ट्रेडर्स होते है जो ऑप्शन में ट्रेडिंग करके अपने परिवार के लिए पैसे कमाना चाहते है। लेकिन वह गलत तरीका अपनाकर अपना सारा वेल्थ कुछ ही दिनों में खो देते है। शायद आपका भी यही अनुभव होगा, इसीलिए आप ये आर्टिकल पढ़ना चाह रहे है।



मैं इस आर्टिकल में जो consept समझना चाहता हु, वह option buyer के लिए बहुत लाभदाई साबित होनेवाला है। इसलिए मेरी आपसे request है की आप यह पोस्ट शुरू से अंत तक ध्यान से पढ़े। हो सकता है की ये पोस्ट आपको ऐसी बाते सीखा जाए, जो आपके treding journey ke लिए बहुत ही खास साबित हो।


यहां मैं आपको वह रास्ता बताऊंगा, जिससे आप अपना प्रॉफिट बढ़ते हुए धीरे धीरे बड़ा अमाउंट बना पाएंगे। उस रास्ते पर चलकर आप जीत हासिल कर पाएंगे। पोस्ट में ऐसी कोई गलत बात नहीं बताई गई जो आपको गुमराह कर दे। ये इस पोस्ट की खासियत है। यह आपको  11 महत्वपूर्ण पॉइंट्स बताए गए है जो नए ट्रेडर्स को हमेशा ध्यान में रखने चाहिए।चलिए, अब इस पोस्ट को आगे बढ़ाते है।


इससे पहले की मैं इस विषय को आगे बढ़ाऊ, आपको यानी ट्रेडिंग में जो begginers है उनको इस पोस्ट मे दी गई बाते याद रखनी होगी। ये बाते आपको अच्छा ट्रेडर बनने में आपके काम आयेगी। 


दुनिया में कई सारे ऐसे ट्रेडर्स होते है जिनके पास बहुत कम अमाउंट होता है, फिर भी वह ऑप्शंस में ट्रेड करना चाहते है। जैसे की आपको पता ही होगा की option treding करना कितना जोखिमभरा होता है। इसमें 95% लोग अपने पैसे गवाते है, जब की सिर्फ 5% लोग ही पैसे कमाते है। अगर आप अपना पैसा गवाना नही चाहते तो इस कॉन्सेप्ट को ठीक से समझ लो। यकीन मानिए ये आपको शुरुआती ट्रेडिंग में मददगार साबित होगा।



सबसे पहले तो आपको यह बात समझनी होगी की आपने ऑप्शन में buying करने का जो फैसला किया है तो सबसे महत्वपूर्ण बात को जानना होगा। देखिए आपका पैसा आपके लिए बहुत मायने रखता है। आपने पैसा बहुत मेहनत करके कमाया होगा। आपको अपने पैसे को जितना हो सके लॉस होने से बचाना होगा। जैसे की हिंदी में कहावत है सर सलामत तो पगड़ी हजार। ऐसे ही आपके पास ट्रेड के लिए पैसे रहे तो देर सबेर आप कभी भी प्रॉफिट करके कमा लेंगे।


अगर आपके पास पैसा कम है तो आपको उसे loose होने से बचाना चाहिए। पैसे का लॉस होने से बचाएंगे तो आप फिर ट्रेडिंग कर सकते है। लेकिन अगर पूरे पैसे का लॉस कर लिया तो आपके पास ट्रेडिंग के लिए अमाउंट ही नही बचेगा, इसीलिए आपको हर कदम फुक फुक कर रखना है। अगर लॉस होता है तो बहुत कम हो, इसका प्यास करना चाहिए।


 रिटेल ट्रेडर  किसे कहा जा सकता है?


दर असल मेरी खुद की ऐसी राय है की जिसके पास ₹ 50,000 से कम अमाउंट है, उसे छोटा ट्रेडर कहा जा सकता है। अगर 50,000 से ज्यादा अमाउंट होता है तो क्रम से आप छोटे ट्रेडर्स से बड़े ट्रेडर्स बनते जाते है। कई लोगों के पास पचास हजार का भी अमाउंट नही होता। कुछ लोग ₹ 20,000 से भी कम पैसे वालो को छोटा ट्रेडर कहते है।


छोटा ट्रेडर जलाशय की छोटी मछली की तरह होता है। जिसे उस जलाशय के अन्य जीवों से खतरा होता है की कोई बड़ा जीव उसे निगल न ले। ऐसा उनके साथ होता भी है, ठीक ऐसा ही छोटे ट्रेडर्स के साथ भी होता है। लेकिन चतुराई से उनसे बचा भी जा सकता है। इसलिए मैं बार बार बताया हूं की ऐसे व्यापारी को संभालकर ही रहना चाहिए। आइए,अब main विषय पर आते है।


1. क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए :

सबसे पहली चीज आपको ये समझना है की आपको क्या करना है और क्या नहीं करना है। ज्यादातर इंटरनेट पर यही बताया जाता है की नए ट्रेड करनेवालों को क्या करना चाहिए। लेकिन कोई ये नही बताता की क्या नहीं करना चाहिए। 


मान लीजिए, अगर आपने अपना कैपिटल खो दिया तो आप कुछ भी नहीं कर पाओगे, भले ही आपके पास कोई कितना भी अच्छा सेट अप हो या अच्छी स्ट्रेटजी हो। इसलिए शुरुआत में आपके लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है की क्या नहीं करना चाहिए। 


आप option buyer है और आपके पास बहुत कम कैपिटल है तो आपको क्या नही करना चाहिए, इसके बारे में सोचना चाहिए। अगर आप कोई पाच छे चीजे को आपको नहीं करनी है तो आप मार्केट में अच्छे से सरवाइव  कर पाएंगे।


यदि आप एकदम से नए है तो आप ट्रेडिंग में जीतने के बारे में बाद में सोचना है। पहले आप उस capital के साथ कितने समय तक टिके रहते है यह ज्यादा जरूरी है। कम कैपिटल के साथ ज्यादा समय टिके रहना भी option treding में बड़ी बात होती है।

2. आप को क्या चाहिए और आप के लिए क्या सही है?

जो शेयर मार्केट में begginers है और ऑप्शन ट्रेडिंग करने आते है तो उनके पास छोटा कैपिटल होता है और उनके ख्वाब बहुत बड़े होते है। जैसे मैं आज मेरे कैपिटल को डेढ़ गुना बना लूंगा, मैं बेस्ट stretagie का उपयोग करके बहुत प्रोफ्यूट करूंगा। मैं बहुत कम समय में बड़ा प्रॉफिट कमाऊंगा। इस तरह के ख्वाब लेकर ट्रेडिंग करते है। देखा जाए तो begginers को इस तरह के बड़े प्रॉफिट के लांच में नही पड़ना चाहिए।

आपको चाहिए की आप जिस अमाउंट के साथ ऑप्शन ट्रेडिंग करने निकले है, उसे धीरे धीरे मतलब छोटे प्रॉफिट कर करके बढ़ना चाहिए। साथ ही बड़ा लॉस होने से भी खुद को बचाना जरूरी है। बड़े प्रॉफिट के लालच में नहीं आना है। जब आप इस तरह ऑप्शन में पैर जमाएंगे तो भविष्य में बड़े प्रॉफिट भी कमा पाएंगे।


हर ट्रेडर की शुरुआती journey बहुत कठिन होता है। उसे बहुत उलझी हुई कंडीशंस से गुजरना पड़ता है। बड़े लॉस को भी झेलना पड़ सकता है। इसलिए किसी भी नए ट्रेडर्स को शुरुआत में मुझे कितना ज्यादा प्रॉफिट कमाना है, ये नही सोचना चाहिए बल्कि उसे कम कैपिटल के साथ मार्केट में बना रहना चाहिए, ताकि आपको उसका अच्छा experience हो जाए। आपको ये पता हो जाए जैसे

  • मार्केट किस situation में किस तरह moov करती है?
  • किस समय मार्केट कैसे काम करती है?
  • इंडिकेटर्स किस समय कैसे काम करते है और किस सिचुएशन में गलत हो सकते है?
  • हमे कौन सी परिस्थिति में कैसे पेश आना है?
  • हमारे लिए किस तरह की ट्रेडिंग रणनीति सही है?
इस प्रकार कई तरह के सवाल हो सकते है जिन्हे हम अनुभव के आधार पर जान सकते है। ऑप्शन ट्रेडिंग के दौरान आपको किसी समस्या से उलझना पड़ता है तो आपको उस समस्या को सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए। किसी तरह आपको मार्केट में वक्त गुजारना है, भले आपको प्रॉफिट ना भी हो, लेकिन अनुभव से आप बहुत कुछ सीख जाएंगे।

इसलिए सबसे पहले आपको ये जानना है को शुरुआती ट्रेडिंग में आपके लिए क्या सही है और क्या गलत है। बड़ा प्रॉफिट इस वर्ड को थोड़ा साइड में रखकर आपको सीखने पर ज्यादा फोकस देना है। अधिकतर ट्रेडर्स इसके बिलकुल उल्टा करते है और अपना नुकसान करा लेते हैं। यहां आपको नीचे की तरह स्टेप्स करने है।

  • आपके लिए राइट क्या है?
  • ट्रेडिंग का छे महीने से ज्यादा का अनुभव ( जितना ज्यादा उतना अच्छा)
  • इसके बाद प्रॉफिट के लिए ट्रेडिंग करना 
यहां  लोग जैसे ही मार्केट में आते है प्रॉफिट के पीछे भागने लग जाते है और पुरा wealth गवा बैठते है। फिर जैसे तैसे करके फिर बड़े प्रॉफिट के चक्कर में उसका भी नुकसान कर देते है। फिर सोचने लगते है की हमारे लिए क्या सही है। उस समय तक उनका मार्केट के प्रति नजरिया बदल जाता है या वह मार्केट को अच्छे से समझ नहीं पाते।

अगर आपको सक्सेसफुल ट्रेडर बनना है तो आपको यह गलतियां नहीं करनी चाहिए। ये टिप्स इंटरनेट पर कोई नहीं बताता लेकिन मैं मेरे ब्लॉग पर कोई भी गलत जानकारियां नही देता। अपनी खुद के एक्सपीरियंस के आधार पर सही जानकारी देने की कोशिश करता हूं, ताकि आप भी अपने परिवार के लिए इनकम जनरेट कर पाए।

यह कुछ लोग सोचते होंगे की मैं दो चार दिन में ही सब कुछ जान जाऊंगा की मार्केट में कब क्या करना है? ऐसी सोच वाले लोग जिंदगी भर ऑप्शन ट्रेडिंग में पैसा नहीं पाते। आप option treding को जितना आसान समझ रहे है उतना आसान नहीं है। ये किसी युद्ध से कम नहीं है। जिस तरह युद्ध में युद्धनीति और युद्ध कला आवश्यक होती है, उसी तरह ऑप्शन ट्रेडिंग में ट्रेडिंग रणनीति और ट्रेडिंग आर्ट बहुत जरूरी है, जो अनुभव और सीखकर हासिल कर सकते है। शायद मेरी बात आपको कड़वी लग सकती है, लेकिन ये बात काम की है। दवाइयां अक्सर कड़वी हुआ करती है पर बड़े गजब का काम करती है। 

यहां मैं आपको एक उदाहरण देकर समझता हूं। मान लीजिए, आप आईपीएल के 20 20 मैच में आपके चार प्लेयर आउट हो हो चुके है। इन के बाद आप  बैटमैन के तौर पर मैदान में उतरे है। अब सारी उम्मीदें आप पर टिकी हुई है।

ऑडियंस को और पूरी टीम को आप पर भरोसा है की आप मैच जीतने में बड़ा रोल निभाएंगे। ऐसे में अगर आप आते ही चौके और छक्के निकलने की कोशिश करेंगे तो शायद आप किसी फिल्डर को कैच देकर आउट हो जायेंगे। सारे लोगों की आशाएं धूल में मिल जाएंगी।


ऐसी सिचुएशन में आपको क्या करना चाहिए? आप को मैदान आने के बाद उस विरोधी टीम की चालढाल को समझना पड़ेगा, मैदान को भी समझना पड़ेगा।  साथ ही प्रेशर को भी झेलना पड़ेगा। दुसरी बात, आपको टिककर खेलना पड़ेगा ताकि आप आउट ना हो जाए। बीच बीच में कुछ रन बनाने पड़ेंगे, और जब आखिरी चार पांच ओवर्स बाकी रहेंगे तक आपको सुझबुझ के साथ आक्रामक होना पड़ेगा। तब जाकर आप मैच में अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे।

ठीक यही बात आपको ऑप्शन ट्रेडिंग में करनी है। उदाहरण में दिया गया क्रिकेट का मैदान ऑप्शन ट्रेडिंग का प्लेटफार्म है। पांचवे प्लेयर खुद आप है, आपकी विरोधी टीम ऑप्शन ट्रेड करनेवाले अन्य ट्रेडर्स है। और जो स्कोर बनाना है वह आपका प्रॉफिट है।

मुझे उम्मीद है की आप इस उदाहरण को समझ गए होंगे। टी ट्वेंटी में जल्दी जल्दी विकेट्स क्यू गिरती है? क्यू की वह मैदान में आते ही आक्रमक हो जाते है और विरोधी टीम के प्रेशर को मेंटेन नही कर पाते। आपको भी ऑप्शन ट्रेडिंग में नए आए है तो अपनी विकेट्स को बचाना है, यानी अपने अमाउंट को बचाकर ट्रेडिंग करते रहना है। दोस्तो, इससे अच्छा मैं आपको समझा नहीं सकता।
 

लालच से बचना है

सही मैने में देखा जाए तो ज्यादातर ट्रेडर you tube के विडियोज देखकर unbalance हो जाते है। उनमें बड़े प्रॉफिट कम समय में कैसे किया, कैसे अपनी वेल्थ को एक दिन में कई गुना कैसे किया, इस तरह की बाते बताई जाती है। जिससे नए एवम छोटे ट्रेडर हद से ज्यादा लालची हो जाते है। उन्हे सिर्फ उनका प्रॉफिट दिखता है, लेकिन उन्होंने कितने समय के लिए, कितने बड़े अमाउंट से और किस खास ट्रीटेजिस से ट्रेड किया था ये नही जानते।


इस तरह वह अपना आपा खो कर psycologically अपने small amount को भी गवा बैठते है। अगर इस तरह की सोच लेकर आप बैठे है तो समय रहते उसे बदल डाले। हमेशा दूसरे ट्रेडर्स से खुद की तुलना मत करिए। इसके बजाय अपने आपको ट्रेडिंग अनुभव लेते हुए और अपना ट्रेडिंग नॉलेज को दिन ब दिन उजागर करते रहिए।



अगर ऊपर दिए गए consept को आप ने समझ लिया तो हो सकता है की आपका जो 20,000 का अमाउंट है वह 30 या 35 हजार का हो जाए, क्यों की आपने सही रास्ता चुना है। लेकिन अगर ऐसा नहीं किया तो बहुत जल्द आप अपना वेल्थ को देंगे।


शुरुआत में बैंकनिफ्ट में ट्रेड ना करे

अगर आपके पास कम अमाउंट है और ऑप्शन ट्रेड करना चाहते है तो आपको निफ्टी में ट्रेड करना चाहिए। क्यों की निफ्टी की वोलेटिलिटी बैंकनिफ्टी से कम है। Banknifty एक मिनिट्स के अंदर 150 पॉइंट्स तक ऊपर नीचे हो जाता है। 

नए लोगों के लिए, छोटे ट्रेडर्स के लिए निफ्टी में ट्रेडिंग सबसे बेस्ट है। कई लोगों को बुलेट ट्रेन ज्यादा पसंद होती है। अधिकतर लोग जब नए से ऑप्शन्स में आते तो वह डायरेक्ट बैंकनिफ्टी को पकड़ते है, जिससे उन्हें मैनेज करना मुश्किल हो जाता है। जिसके कारण उनका portfolio खाली हो जाता है। स्टॉपलॉस लगाने के बाद भी ऐसा हो जाता है। इसलिए निफ्टी को पकड़ो और उसमे बने रहो, यही आपके लिए बेस्ट है।


ऐसे में अगर आप sl (stop loss) लगाकर ट्रेड कर रहे है और पुट खरीदा है तो ज्यादातर बार उसका प्राइस sl तक आ जाता है और आप ट्रेड से एग्जिट हो जाते है। बाद में वही प्राइस नीचे आ जाता है। इससे होता ये है की आप सही सेट अप और सही स्ट्रेटजी के बावजूद लॉस कर जाते है। अगर आप option treding करते है तो ऐसा कई बार आपके साथ  हुआ होगा। 


Banknifty की मूवमेंट निफ्टी के मुकाबले फास्ट होती है। नए ट्रेडर को संवारने का मौका भी नहीं मिलता। निफ्टी की बात करे तो वह एक मिनिट्स में 30, 35 या 40 पॉइंट्स तक ऊपर नीचे होता है। जिससे नए ट्रेडर्स सवरना आसान हो जाता है। ट्रेडिंग के दौरान अगर आप sl का उपयोग करते है तो सबसे पहले आपको sl ऐसी जगह लगाना आना चाहिए की वह आसानी से हिट ना हो सके। कई ट्रेडर्स को स्टॉपलॉस लगाने के कारण लॉस झेलना पड़ता है। 



एक्सपीरियंस हो जाने बाद सही रणनीति के साथ बाद में banknifty में भी ट्रेड किया जा सकता है।


परफेक्ट सेट अप से ट्रेडिंग करो

अक्सर छोटे ट्रेडर्स paid service को join करके ट्रेडिंग करते है। देखिए ट्रेडिंग किसी दूसरों के आधार पर लेने वाली बात नही है। हमेशा अपना खुद का सेटअप होना चाहिए। सेटअप का मतलब कोई ऐसी स्ट्रेटजी जिसकी एक्यूरेसी अच्छी या ज्यादा हो। उसके बारे में आपकी अच्छी जानकारी होनी चाहिए।


बिना सेटअप के ट्रेडिंग करना अंधेरे या आंख पर पट्टी बांधकर तीर चलाने जैसा है। मान लीजिए, मार्केट स्टार्ट हो गई और मैंने आपसे पूछा की भाई, आज आप कब और कौनसा ट्रेड ले रहे हो। तो आपके पास झट से जवाब होना चाहिए। जैसे 

  • भाई अभी तक कोई सेट अप नही बना है, जब बनेगा तब ट्रेड लूंगा।
  • सही सेटअप के लिए मैं 11 बजने है का wait कर रहा हु। 11 के बाद ट्रेड लेने जाकी सोचूंगा।
  • जैसे ही मेरे हिसाब से स्ट्रेटजी बनती है तो मैं ट्रेड ले सकता हु, वरना मैं wait करता रहूंगा।
  • जब एक मेरे हिसाब से स्ट्रेटजी नही बनती, मैं ट्रेड नही लूंगा।
इस तरह के आपके पास कोई जवाब होना चाहिए। आप के पास कोई ऐसा सेट अप है तो आपको इसका एक और फायदा ये होगा की आप अपने emotions को काफी हद तक control कर पाएंगे।

जो नए ट्रेडर्स ऑप्शन ट्रेडिंग करने आते है वह मार्केट शुरू होते ही ट्रेड लेने लग जाते है। कोई red candle बनते ही put खरीद लेते है और कही पर ग्रीन candle बनते ही कॉल का ऑप्शन खरीद लेते है, जिससे उन्हे लॉस का ही मुंह देखना पड़ता है। शेयर मार्केट में वही पैसा बनाता है जो wait कर सकता है। जिसमे सब्र नहीं, जो पेशंस बनाए नही रख सकता वह कभी शेयर मार्केट में पैसे नही बनता।

हमे सही समय के लिए wait करना चाहिए, भले इसके लिए घंटो लग जाए, लेकिन आप जिस भी स्ट्रेटजी पर ट्रेड करते है उसे बन जाने का wait करिए। जब आपकी स्ट्रेटजी fullfill हो जाती है तो बेझिजक ट्रेड ले लीजिए।

याद रखिए, ट्रेडिंग हमेशा लॉजिक के आधारपर करनी चाहिए, emotions के आधारपर नही। भावना में लिए हुए निर्णय हमेशा गलत साबित होते है। हमे पता होना चाहिए की निफ्टी का प्राइस बढ़ रहा तो क्यू बढ़ रहा और गिर रहा तो क्यू गिर रहा। जब कारण को नही समझते तो परिणाम को कैसे समझेंगे। इसलिए logic पर ट्रेडिंग करो और इमोशंस को साइड में रख दो, ये आपके लिए better रहेगा।


एक ही स्ट्रेटजीyu पर फोकस करो


जो भी नया ट्रेडर शेयर मार्केट में आता है वह हर समय अलग अलग स्ट्रेटजी को फॉलो करता है। इस में लॉस हुआ, दूसरी को पकड़ो। दुसरी के कारण लॉस हुआ तीसरी को पकड़ो। तीसरी ने भी धोका दिया फिर कोई नई स्ट्रेटजी ढूंढो। इस तरह करते जायेंगे तो आपका माइंडसेट ही गड़बड़ हो जायेगा।


देखिए, आप भले दुनिया की कोई भी सेट अप को पकड़ो, उसमे कभी न कभी लॉस भी होनेवाला है। क्यों की कोई भी स्ट्रेटजी 100% work नही करती, सबसे पहले इस बात को दिमाग में बिठा लो। ट्रेडिंग के समय आपका माइंड confuse नही होना चाहिए। अगर एक ही स्ट्रेटजी पर अडिग रहे तो वह कब फेल होती है उसे जान जायेंगे तो आगे चलकर होनेवाला नुकसान कम होगा या फिर उससे बचा जा सकेगा। इसलिए नए ट्रेडर्स को मेरी special suggestion है की उन्हे या हर नए और अनुभवी ट्रेडर को किसी एक ही सेट अप पर काम करना सही रहता है।


अक्सर लोग इंटरनेट पर दी गई बातों से प्रभावित होकर अपने माइंडसेट को कन्फ्यूज कर डालते है जो लॉस का कारण हो जाता है। जैसे


  • इस सेट अप ने मुझे लाखो कमाकर दिए
  • ये स्ट्रेटजी नही पैसा कमानेवाली मशीन है।
  • करोड़पति बनानेवाली stretagy यूट्यूब पर पहली बार
  • इस stretagy ने मुझे आधे घंटे में 50,000 का प्रॉफिट दिया।
इस तरह की बातों से begginers प्रभावित हो जाते है। यह मैं ये नहीं कहता की वह स्ट्रेटजी अच्छी नही है। हां, लेकिन आप जो बार बार अपने सेटअप को change करते हो वह अच्छा नहीं है। मान लेते है की आपको किसी ऐसी जगह जाना है जिसे आप जानते नहीं है। अब आप किसी से पूछेंगे और वह कोई रास्ता बताएगा, फिर कुछ समय बाद आप किसी से पूछेंगे तो वह कोई और रास्ता बताएगा तो आप कन्फ्यूज हो जायेंगे और फिर किसी भी सेटअप पर ढंग से काम नही कर पाएंगे। 


Emotions पर कंट्रोल रखे

ऑप्शन ट्रेडिंग में लॉस होने का ये प्रमुख कारण है। अगर aame kisi ट्रेड में 2000 का लॉस हो गया है जो कैपिटल के हिसाब से बहुत ज्यादा है, फिर भी हम रिवार्सल के लिए wait करते है। हमे लगता है अब मार्केट का मूवमेंट बदलेगा। ऐसा करते करते आप बड़ा लॉस कर लेते है। लेकिन वही पर हमे 800 का प्रॉफिट हो जाता है तो हम तुरंत एग्जिट कर लेते है। अगर ठहरे रहते तो 2600 का प्रॉफिट हो सकता था।

 ऐसा क्यों होता है, कभी सोचा है आपने? ये सिर्फ और सिर्फ इमोशंस के कारण होता है। हम भावना में आकर अक्सर गलत ट्रेडिंग निर्णय लेते है। डर और लालच ये दोनो ट्रेडर्स के सबसे बड़े दुश्मन होते है।

कई बार ऐसा भी होता है की जैसे ही आप ट्रेड लेते है मार्केट वो
विपरित दिशा में जाने लगता है। हम डर जाते है की कही हमे बड़ा लॉस ना हो जाए, इसलिए हम उस ट्रेड को एग्जिट कर देते है। वही ट्रेड कुछ ही मिनटों में आपके ट्रेड के अनुरूप बड़ी ऊंचाई छूता है। फिर आप पछताने लग जाते है। मतलब जिस ट्रेड आप बहुत बड़ा प्रॉफिट करने वाले थे वही पर आप लॉस बुक करके निकल गए। साथ में ब्रोकरेज का चार्ज अलग से देना पड़ जाता है।

ये रणनीति आपका पोर्टफोलियो को खाली करती है। ये सिर्फ इमोशंस के कारण हुआ है। अब सवाल आता है की इमोशन पर कंट्रोल कैसे करे।

इमोशंस को कंट्रोल करने का सिंपल फंडा है,  सबसे पहले दूसरो के दिए या बताए हुए ट्रेड को लेना बंद कर दो।
  • खुद की स्ट्रेटजी बनाकर ट्रेडिंग करनी है।
  • इमोशंस को कंट्रोल करने की प्रैक्टिस करो।
  • स्टॉपलॉस और टारगेट को सही जगह पर सेट करे।
  • लॉजिक के आधार पर ट्रेड करो।
  • ट्रेडिंग के दौरान सोच समझकर निर्णय लो।
  • सबसे पहले दूसरो के दिए या बताए हुए ट्रेड को लेना बंद कर दो।
इस तरह से आप इमोशन को कंट्रोल कर पाएंगे। आप को बता दे की लॉस या नुकसान होने के पीछे स्ट्रेटजी का 10% roll होता है, वही पर डर और लालच का 90% roll होता है। इससे आप समझ गए होंगे की आपकी मानसिकता, आपकी भावनाएं ट्रेडिंग में कैसे लॉस करवाते है।



लॉस को भी स्वीकार करे

ट्रेडिंग में लोग प्रॉफिट हो जाने पर खुद को कंट्रोल नही कर पाते। वह इतने खुश हो जाते है की पूछो मत। वह लोगो से अपने प्रॉफिट की चर्चा बढ़ चढ़कर करते है। वही जब लोगों को लॉस हो जाता है तो वह उसे स्वीकार नहीं करते। 

जिस दिन प्रॉफिट को ज्यादा सेलिब्रेट करोगे और लॉस को सह नहीं पाओगे तो आप ट्रेडिंग में लॉस हो करोगे या फिर ट्रेडिंग को ही छोड़ दोगे। दरअसल हमे प्रॉफिट और लॉस को balance करना है। प्रॉफिट मिले तो ज्यादा खुश नही होना और लॉस हुआ तो उसे भी सहना होगा ज्यादा दुखी नही होना। ऐसा ट्रेडर भविष्य में बड़ा ट्रेडर बन पाता है। क्यू की ये शेयर मार्केट है, यह प्रॉफिट और लॉस होते ही रहेंगे। बस कोशिश करना है की लॉस को कम से कम किया जाए और प्रॉफिट को बढ़ने का प्रयास किया जाए।


छोटे ट्रेडर्स के लिए कुछ जरूरी बातें


हम नए ट्रेडर है और हमे ऑप्शन ट्रेडिंग में पाव जमाना है तो हमे किसी औरों का प्रॉफिट नहीं बल्कि अपनी खुद की हैसियत देखनी चाहिए। ये बात अक्सर नए ट्रेडर भूल जाते है। For example अगर मुकेश अंबानी कहे की मुझे इस महीने में कम से कम 2 करोड़ का प्रॉफिट मिलना चाहिए, ये उनके हिसाब से ठीक है। लेकिन जो महीने का दस पंधरा हजार कमा लेता है और वह कहे की मुझे इस महीने दो करोड़ का प्रॉफिट चाहिए तो क्या ये मुमकिन है।  

नए ट्रेडर यूट्यूब  पर ऐसे लुभावने प्रॉफिट की thambnail देखकर खुद की हैसियत भूल जाते है। वह प्रॉफिट कर रहे है लेकिन उनमें और आपने क्या फर्क है इसे जानते तक नहीं। फर्क क्या होता है इसे नीचे बताया गया है, जरा इसे गौर करिए।

  • उनके पास बहुत अच्छा सेटअप होता है, हम रोज अपनी स्ट्रेटजी बदलते है।
  • उनके पास सालों का एक्सपीरियंस होता है, हम नए से या कुछ महीने से ट्रेडिंग में उतरे है।
  • उनके पास ऑप्शन ट्रेडिंग A to Z knowledge है, हमारे पास आधी अधूरी जानकारी है।
  • उनका खुद पर पूरा विश्वास है, हम खुदपर विश्वास नहीं करते। हमारे पास कॉन्फिडेंस नही है, हम ट्रेडिंग के दौरान कन्फ्यूजन में रहते है।
  • उनके पास ट्रेडिंग के लिए बहुत बड़ा कैपिटल होता है, हमारे पास बहुत हो कम कैपिटल होता है।
अगर हम ऊपर दी गई बातों पर गौर करे तो हम  किसी भी उनकी बराबरी नहीं कर सकते। तो जाहिर है की हम उतना प्रॉफिट कैसे earn करेंगे। कुल मिलाकर एक बात सामने आती है की हमे उनकी बराबरी नहीं करनी चाहिए, लेकिन ऊपर लिखित बातों में करा उतरने की हर मुमकिन कोशिश करनी चाहिए। 

हमे उन तक पहुंचना है तो हमे जरूरत है कासव गति से आगे बढ़ने की। अगर खरगोश की तरह बढ़ने की सोचेंगे तो अपनी मंजिल पर कतई नहीं पहुंच पाएंगे। तो छोटे ट्रेडर्स को आज से ही इस compitation में लग जाना है और जीतकर ही रहना है। अगर हम हार भी जाते है, अपना कैपिटल खो देते है तो भी निराश नही होना चाहिए।

हमने जो गलतियां की थी इनपर गौर करना है की ये गलतियां क्यों हुई। उन्हे सुधार कर, कुछ बदलाव करके, कुछ नया सीखकर फिर से ट्रेडिंग के युद्ध के लिए तैयार होना है। हमे फिर से कैपिटल जुटाकर ऑप्शन ट्रेडिंग में धीरे धीरे आगे बढ़ना है।

Conclution निष्कर्ष


मैने इस पोस्ट में मेरी treding journey का निचोड़ डाल दिया है। अगर इस पोस्ट को आप पढ़कर 



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