Invest strategy of Warren Buffett

जीवन पाटील
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Invest strategy of Warren Buffett


जब भी दुनिया के सबसे ज्यादा अमीर लोगों की लिस्ट जारी होती है तो उसमे एक नाम वॉरेन बफेट का भी होता है। ये एक ऐसा इन्वेस्टर है जिसने इन्वेस्टिंग की दुनिया में एक बहुत बड़ा मुकाम हासिल किया है। जो लोग स्टॉक मार्केट से जुड़े हुए है, वह लोग वॉरेन बफेट को जरूर जानते होंगे। लेकिन उनका बचपन से अब तक का सफर कैसा रहा? उन्होंने करोड़ों की दौलत कैसे हासिल की? वॉरेन बफेट स्टॉक मार्केट से कैसे जुड़े? उनके विचार, वॉरेन बफेट की निवेश रणनीति क्या है? ऐसे वॉरेन बफेट से जुड़े कई सारे सवाल है, जो बहुत से लोगों को मालूम हो नही होंगे। आज के समय स्टॉक मार्केट में निवेश करनेवाले  लोगों को वॉरेन बफेट की निवेश रणनीति के बारे में जरूर जानना चाहिए। इसलिए उनके बारे में सारी जानकारी जानने के लिए इस पोस्ट को ध्यान से जरूर पढ़े। इस पोस्ट में वॉरेन बफेट के निवेश मंत्र सीखने को मिल जायेंगे जिससे आपकी बल्ले बल्ले जरूर हो जायेगी।  

Invest strategy of Warren Buffett, वॉरेन बफेट की निवेश रणनीतियां


वॉरेन बफेट ये एक ऐसा नाम है जिन्हे दुनिया का स्टॉक मार्केट कभी भूल नही सकता। इन्होंने बचपन में महज 11 साल की उम्र में ही निवेश की छोटी शुरुआत की थी और आज की तारीख में वह दुनिया के छटे नंबर के सबसे ज्यादा अमीर व्यक्ति है। वॉरेन बफेट बहुत ही सामान्य परिवार में जन्मे हुए थे, लेकिन उनकी सुझबुझ, उनकी समझदारी, दूर की सोचने की क्षमता और पैसे कमाने की ललक ने उन्हें इतना अमीर बना दिया की वह आज दुनिया के टॉप टेन अमीरों की सूची में शामिल है।इनकी जीवनी से निवेशक हमेशा प्रभावित होते रहेंगे। इसलिए शेयर मार्केट से जुड़े हर व्यक्ति को इनके बारे में जरूर जानकारी होनी चाहिए ताकि उन्हें भी उनसे कुछ ना कुछ सीखने को मिल जाए। तो आइए वॉरेन बफेट के जीवन परिचय के बारे में और उन्हें निवेश में सफल बनाने वाले कारकों के बारे में भी जान लेते है।


वॉरेन बफेट की पारिवारिक और शैक्षणिक जानकारी


वॉरेन बफेट ने अपनी प्राथमिक शिक्षा रोज़ हिल एलीमेंट्री स्कूल(Rose Hill Elementary School)  में पूरी की। इसके बाद उनके पिताजी हावर्ड को यूनाइटेड स्टेट कांग्रेस के लिए चुना गया जिसकी वजह से उन्हें वॉशिंगटन जाना पड़ा। उन्होंने उसके आगे की पढ़ाई ऐलिस डील जूनियर हाई स्कूल में पूरी की। साल 1947 में वॉरेन बफेट ने स्नातक की उपाधि वुडरो विल्सन हाईस्कूल में की। साल 1952 में वॉरेन बफेट ने सुसान थॉम्पसन नामक महिला से शादी की। उन्हें सुसान बफेट से तीन पुत्र हुए जिनका नाम सूसन एलिस, पीटर और हावर्ड था।


वॉरेन बफेट का जन्म अमेरिका के बहुत ही सामान्य परिवार में हुआ था। Warren Buffett सर का जन्म अमेरिका के ओमाहा शहर के नेबरस्का नाम के स्थान पर 30 अगस्त 1930 में हुआ था। उनकी माताजी का नाम लीला स्टॉल था और उनके पिताजी का नाम होवार्ड बफेट था। वह उनके माता पिता के अकेले पुत्र और दो बहने थी। वॉरेन के पिताजी होवार्ड बफेट शेयर ब्रोकर की फर्म में एक सेल्समैन का काम किया करते थे। उस वक्त उनके घरवालों को अंदाजा भी नही होगा की वॉरेन एक दिन दुनिया का सबसे बड़ा इन्वेस्टर और बर्कशायर हैथवे कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी होगा। वॉरेन सर ने जो मुकाम हासिल किया उसमे बचपन से ही कुछ बड़ा कर दिखाने का जुनून था। सबसे बड़ी बात ये है की उन्हें अपने आप पर पूरा विश्वास था। उनका बचपन से ही उस दिशा मे बिल्ड अप हुआ था।


साल 1929 में शेयर मार्केट में बड़ी मंदी आई थी उस समय उनके पिता होवार्ड का काम छूट गया था। फिर होवार्ड ने अपनी खुद की शेयर ब्रोकिंग फर्म शुरू की। लेकिन पैसे के व्यवहार करने के लिए उन्होंने जिस बैंक में एकाउंट खोला था, वह बैंक भी मंदी के कारण बंद हो गई। इसलिए वॉरेन का परिवार आर्थिक समस्या से घिर चुका था। इनकी स्थिति निकट हो चुकी थी। 


वॉरेन बफेट का बचपन


जब वॉरन बफेट छोटे थे उस समय उनकी उम्र के बच्चे खेलकूद और मौजमस्ती का आनंद लेते थे। लेकिन उस समय वॉरेन नंबरों का खेल खेलते थे, किताबे पढ़ते थे और उस समय छोटे छोटे व्यवसाय भी किया करते थे। उन्हे नंबर के खेल में बहुत अधिक रुचि थी। वह आती जाती गाड़ियों के नंबर्स नोट किया करते थे और उन नंबर्स के बाद आनेवाली गाड़ी के नंबर प्लेट पर कौन सा सिंगल नंबर होने की ज्यादा संभावना हो सकती है इस बारे में अंदाजा लगाया करते थे। बहुत बार उनकी अनुमान सही भी हो जाता था। उसके आधार पर उन्होंने बचपन में ही ये समझ लिया था की कोई चीज किसी विशिष्ट समय अंतराल में बार बार होती है तो बहुत ज्यादा चांस होता है की वह अगली बार भी हो सकती है। उन्हे बचपन से ही तरह तरह के jobs करने में बहुत इंट्रेस था। जिस उम्र में बच्चे कंचे खेलते थे उस समय वॉरेन बफेट बिजनेस और शेयर मार्केट से जुड़ी किताबे पढ़ते थे। उनके पिताजी शेयर ब्रोकिंग फर्म में काम करते थे इसलिए उनके पास शेयर मार्केट से जुड़ी कई सारी किताबे थी, वॉरेन ने उन सारी किताबों को बचपन में ही पढ़ लिया था। इससे उनकी निवेश के प्रति दिलचस्पी ओर बढ़ गई। बचपन से ही उन्हें बिजनेस करने की और निवेश की प्रति रुचि रही थी। 


बच्चा बड़ा होकर क्या करेगा ये बच्चे की बचपन की करतूतों से ही मिल जाता है। वॉरेन बफेट ने साबित कर दिया है। उन्होंने बचपन में ही कोकाकोला, च्युंगम बेचने का और घर घर जाकर अखबार बेचने का व्यवसाय करके जेब खर्चा निकल लेते थे। जब वे साधारण नौ दस साल के थे तब उन्होंने एक किताब पढ़ी थी जिसमे 1000 डॉलर कमाने के 1000 तरीके के बारे में बताया गया था। इससे मालूम पड़ता है की वॉरेन बफेट को बचपन से ही पैसे कमाने की कितनी ललक थी। इसी किताब में उन्होंने पिनबॉल मशीन के बिजनेस के बारे में भी पढ़ा हुआ था। उस किताब में पहले एक पिनबॉल मशीन लगाने की सलाह दी गई थी, फिर उसकी कमाई से दूसरी मशीन खरीदने की सलाह भी दी गई थी। इस तरह इस बिजनेस को बढ़ाने की सलाह दी गई थी। वॉरेन को ये बिजनेस बहुत पसंद आया फिर क्या था, उन्होंने फिर उस बारे में calculaton करना शुरू कर दिया। एक पिनबॉल मशीन कितने की आएगी? एक पिनबॉल मशीन कितने लोग उपयोग कर सकते हैं? एक पिनबॉल मशीन से कितनी कमाई हो सकती है? इस तरह के कैलकुलेशन करने के बाद बफेट ने अपने दोस्तो के साथ मिलकर एक पिनबॉल मशीन लेकर आए और उसे एक हेयर ड्रेसर की दुकान में लगवा दिया, ताकि जो लोग waiting में रहेंगे वह पिनबॉल मशीन खेलकर अपना समय बिताएंगे। इससे नाई  की दुकान भी अच्छी चलने लगी और वॉरेन की कमाई भी होने लगी। इस तरह उस मशीन से कमाए गए पैसों से दूसरी पिनबॉल मशीन लाकर उसे किसी दूसरे हेयर ड्रेसर की दुकान में लगवा दिया। थोड़े ही समय में उन्होंने जगह जगह के नाई के दुकानों में ये मशीन लगवा डाली। इस तरह उनका ये बिजनेस चल पड़ा। कुछ समय बाद इस बिजनेस को उन्होंने 1200 अमेरिकी डॉलर में बेच दिया, और उन्होंने अपने सफल व्यवसाय व्यक्तिमत्व का परिचय दिया। वह छे साल की उम्र में किसी दुकान के आसपास जाकर ढूंढने लग गए की कौन सी कोल्ड ड्रिंक के ढक्कन ज्यादा है और कौन से कोल्ड ड्रिंक के ढक्कन कम है। लोग ऐसा करते देख उसे मूर्ख समझते थे। लेकिन वह बच्चन भी एक तरह से एनालिसिस कर रहे थे। इससे उन्हें ये पता चला को लोगों को कौन सा कोल्ड ड्रिंक ज्यादा पसंद है?  वहा उन्हे पता चला की कोकोकोला के ढक्कन सबसे ज्यादा है तो उन्होंने कोकोकोला का धंधा चालू कर दिया। वह उन्हें 25 सेंट में खरीदता था और 30 सेंट में बेच दिया करता था। वहा वॉरेन बफेट ने कोकाकोला पर रिसर्च की और उन्हें बचपन से ही रिसर्च की आदत पड़ गई। कई साल बाद वॉरेन ने कोकाकोला में भी अच्छा इन्वेस्टमेंट किया, और आज भी उनकी पोर्टफोलियो में कोका कोला के शेयर होल्डिंग में है।


वॉरेन ने 11 साल की छोटी उम्र में city service  प्रीपेर्ड (CITGO) नामक का कोई स्टॉक था जिसे उन्होंने 38 डॉलर के मूल्य पर 6 शेयर्स खरीद लिऐ। लेकिन वह थोड़े ही समय में 27 डॉलर तक गिर गया, लेकिन उसने धैर्य रखा, और उसमे बना रहा। फिर वह स्टॉक कुछ समय बाद 40 डॉलर का हो गया, इसके बाद वॉरेन बफेट ने उसे तुरंत बेच दिया। फिर वह स्टॉक थोड़े ही दिनों में 200 डॉलर तक पहुंच गया। इस बात से उन्हें बहुत हैरानी हुई। उसने सोचा की मैं इसमें अच्छा काम सकता था, लेकिन जल्दबाजी में मैं सिर्फ दो डॉलर ही कमा पाया। यहां उसने दो लेसन सीखे। धैर्य रखने से हम अपने लॉस को भी प्रॉफिट में कन्वर्ट कर सकते है, और दूसरी बात ये सीखी की कंपनी अच्छी रही तो लॉन्ग टर्म में ज्यादा रिटर्न कमाया जा सकता है। इसलिए धैर्य बनाए रखना ज्यादा जरूरी है। फिर बफेट ने धैर्य रखते हुए लॉन्ग टर्म में इन्वेस्ट करने की स्ट्रेटजी अपनाई। इसके बाद वह कई सारे छोटे मोटे व्यवसाय करते गए, ऐसा करते करते वह 16 साल की उम्र में 53000 डॉलर कमा चुके थे। 


एक बार की बात है, उनके दादाजी ने वॉरेन और उसके दोस्त को राशन का सामान एक जगह से दूसरी जगह पर लगाने का काम दिया जिसके बदले में वह उन्हें पैसे देने वाले थे। उन्होंने कहा की अपने दोस्त के साथ मिलकर राशन का सामान इधर से उधर लगा दो उसके बदले में तुम्हे पैसे मिलेंगे। वॉरेन और उसके दोस्त ने बहुत मेहनत करके वह सामान सही जगह पर रख दिया। दादाजी ने मजदूरी के सिर्फ 90 सेंट ही दिए जो उन्होंने आधे आधे बाट लिए। उन्हें बहुत कम मजदूरी दी गई थी, जब की उन्होंने मेहनत बहुत की थी। उन्हें चार पांच डॉलर मिलने चाहिए थे वही पर उन्हें सिर्फ 90 सेंट दिए गए। इस बात से वॉरेन बफेट ने सबक लिया की आज के बाद बिना कॉन्ट्रैक्ट के कोई काम नहीं करेंगे। बिजनेस करने से पहले Contract कर लेने से क्लियर हो जाता है की हम जो भी करनेवाले है इसके बदले में हमे क्या मिलनेवाला है। यहां समझने वाली बात ये है की ऐसा करने से आपका रिस्क कई हद तक कम हो जाता है। वॉरेन बफेट अच्छा बिजनेस मैन इसलिए है क्यों की वह अच्छा इन्वेस्टर है और अच्छा इन्वेस्टर इसलिए है क्यों की वह अच्छा बिजनेस मैन है। आज हम जो गलती कर चुके है, उससे कुछ भी सबक नहीं लेते है तो जिंदगी में आप कभी आगे नहीं बढ़ सकते। वॉरेन अपनी गलतियों से सीखकर आगे बढ़ते गए। गलतियां हम सभी करते रहते है लेकिन उससे कुछ भी सीखते नहीं है।


वॉरेन बफेट की निवेश रणनीतियां 

इस तरह से छोटे मोटे  बिजनेस करने के बाद अपनी पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई के लिए हावर्ड यूनिवर्सिटी में एप्लीकेशन किया, लेकिन वहा उन्हे रिजेक्ट किया गया। इसके बाद उन्हें बेंजामिन ग्राहम और प्रोफेसर डेविड डोड के बारे में जानकारी मिली जो कोलंबिया यूनिवर्सिटी में कार्यरत थे। वॉरेन ने उनके बारे में बहुत जानकारी हासिल की। बेंजामिन ग्राहम की लिखी पुस्तक security analysis वॉरेन बफेट ने पहले ही पढ़ रखी थी। इसलिए उनके विचारों से प्रभावित होकर उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया। बेंजामिन ग्राहम से वॉरेन को वैल्यू इन्वेस्टिंग के बारे बहुत कुछ सीखने को मिला। बेंजामिन ग्राहम ने theory of value investing को बनाया था। इसलिए उन्हें father of the value investing भी कहा जाता है। इस तरह से उन्हें वैल्यू इन्वेस्टिंग की बहुमोल जानकारी मिली। वैल्यू इन्वेस्टिंग के हुनर को सीखने के बाद उनकी जीवन शैली में बहुत बड़ा बदलाव आया। उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल गई। इसके बाद वॉरेन बफेट ने वैल्यू इन्वेस्टिंग करना प्रारंभ कर दिया। जिसे वॉरेन बफेट ने पूरी जिंदगी में उसका उपयोग किया।


Value investing के आधार पर निवेश के लिए ऐसी कंपनी की तलाश करते, जिसका प्राइस ग्लोबल सेंटीमेंट के कारण या अन्य कारणो से इंट्रिसिक वैल्यू से कम हो जाता था। फिर उस स्टॉक में होल्डिंग बनाए रखते थे और जब उसका प्राइस इंट्रिंसिक वैल्यू से ज्यादा हो जाता था तो उसे बेचकर प्रॉफिट कमा लेते थे। इस तरह का फंडा अपनाकर वॉरेन सर ने बहुत अधिक लाभ कमाया। कुछ समय बाद बेंजामिन ग्राहम ने वॉरेन बफेट को अपने फर्म में जॉब के लिए ऑफर किया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। वहा पर उन्होंने security penalist का काम किया। इसके लिए उन्हें 12000 डॉलर मिलते थे। वहा पर दो साल तक काम करने के बाद वॉरेन ने इस नौकरी को छोड़ दिया, और खुद का अपना काम करने लगे।


गौर से देखने पर हमे उनमें एक बात नजर आती है। प्रोफेसर बेंजामिन ग्राहम कहते थे की जब स्टॉक का प्राइस under valued हो तब खरीदना चाहिए। वही पर मिस्टर फिलीफिशर कहते थे की क्वॉलिटी बिजनेस वाले शेयर्स में इन्वेस्ट करो। लेकिन वॉरेन बफेट इन दोनो की फिलोसॉफी को एड किया और सम्मिलित करके उन्होंने अपनी खुद की फिलोसॉफी बनाकर  स्टॉक में निवेश करते थे। मतलब जब क्वॉलिटी बिजनेस under valued होते है तब उन्हें खरीदो और होल्डिंग करके रखो। ये वॉरेन बफेट की रननीति थी। उन्होंने ज्यादातर इन्वेस्टमेंट रिसेशन पीरियड में या कंपनी किसी प्रोब्लम से गुजर रही है तब की है। क्यों की तब उन्हे वह स्टॉक कम कीमत पर मिल जाता था।


वॉरेन बफेट और बर्कशायर हेथवे (Berkshire Hathaway) 


वर्ष 1962 की बात है, एक बार रिसर्च दौरान वॉरेन बफेट ने देखा की टेक्सटाइल इंडस्ट्री में काम करने वाली कंपनी बर्कशायर हेथवे (Berkshire Hathaway) अपने निजी खराब मैनेजमेंट की वजह से अपने शेयर्स डिस्काउंट प्राइस पर बेच रही है। वही पर वॉरेन सर ने उस कंपनी की एनालिसिस की और सोचा की अगर कंपनी का मैनेजमेंट बदलेगा या फिर कंपनी को एक्सचेंज से डिलिस्ट किया जायेगा तो उसमे बड़ा मुनाफा कमाया जा सकता है। इस तरह से अनुमान लगाकर वॉरेन बफेट ने बर्कशायर हेथवे कंपनी में धीरे धीरे अपना इन्वेस्ट करना शुरू कर दिया। कंपनी को डीलिस्ट करने के लिए वॉरेन बफेट ने पूछा तो उन दोनो के दरम्यान प्रति शेयर की कीमत 11.5 डॉलर तय हुई। लेकिन कंपनी ने जब ऑफर लेटर दिया तो उस कंपनी की प्रति शेयर की कीमत 11.37 थी। वॉरेन सर को इस तरह का धोका देना पसंद नहीं आया और उन्होंने उस बर्कशायर हेथवे के शेयर्स को और खरीदने शुरू कर दिए। कुछ ही समय पश्चात वॉरेन उस कंपनी के अधिकतम शेयरहोल्डर (majority shareholder) बन गए। इस वजह से वे इस कंपनी के चेयरमैन बन गए। इसके बाद धोखाधड़ी करने वाले मैनेजमेंट को उन्होंने कंपनी से निकल दिया। बर्कशायर हेथवे  के चेयरमैन बन जाने के बाद उन्होंने पार्टनरशिप का बिजनेस बंद कर दिया तथा इस कंपनी को वॉरेन बफेट ने holding company में बदल दिया। मतलब ऐसी कंपनी जिसके जरिए दूसरी कंपनी के शेयर होल्डिंग में रखे जाते है। जिसमे अलग अलग कंपनियों के शेयर खरीदकर होल्डिंग रखे जाते है। इस तरह से बर्कशायर हेथवे को कंपनी इन्वेस्टिंग कंपनी बना दिया गया।


इस तरह से इस होल्डिंग कंपनी के जरिये वह दूसरी कंपनियों के शेयर्स खरीदने लग गए। साल 2007 में वॉरेन बफेट को दुनिया के टॉप के 100 प्रभावशाली व्यक्तियों में गिना जाने लगा।


वॉरेन बफेट ने अपने गत अनुभवों से सीखकर तय किया था की वह सिर्फ वैल्यू इन्वेस्टिंग ही नही करेंगे बल्कि इस कंपनी का पूरा फंडामेंटल एनालिसिस को देखकर इन्वेस्टिंग करेंगे। इस तरह से वह शेयर खरीदने से पूर्व कंपनी की बैलेंस शीट, प्रॉफिट ग्रोथ, प्रमोटर होल्डिंग इस तरह की एनालिसिस करने के बाद स्टॉक में investment करने लगे तथा शेयर्स को लंबे समय तक होल्डिंग में भी रखने लगे। 


लोग कौन सी कंपनी का product इस्तेमाल करते है, उस आधार पर भी वह शेयर्स खरीदते थे, जैसे की बचपन में वह कोकोकोला के ज्यादा ढक्कन इकठ्ठा हुई, इससे अनुमान लगाया की लोग बाकी शितपेय  की तुलना में कोकाकोला को ज्यादा पसंद करते है। तो उन्होंने कोकाकोला में इन्वेस्टमेंट किया। इसके अलावा वॉरेन बफेट ने amazon, वॉशिंगटन पोस्ट, तथा लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां में भी इन्वेस्ट किया। उनकी पोर्टफोलियो में कुछ कंपनियों के शेयर आज भी मौजूद है। इस तरह अच्छी फंडामेंटल एनालिसिस की हुई कंपनी में इन्वेस्टमेंट करना कारगर साबित हुआ। 

value investing और fandamental analysis की स्टेटेजी के कारण वह आज वॉरेन बफेट दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों को सूची में शामिल है। आज वह टॉप के अमीर लोगों में चौथे नंबर पर स्थित है। उन्हें शेयर बाजार की दुनिया में टॉप के इन्वेस्टर के बारे में जाना जाने लगा। हर छोटा बड़ा इन्वेस्टर उनसे कुछ सीखना चाहता है। 


वॉरेन बफेट के अनोखे किस्से


वॉरेन बफेट को पढ़ने का बहुत शौक था। इसलिए उनका ज्यादातर समय पढ़ने में ही जाता था। इस बात को लेकर यह भी कहा जाता है की उनका 70 से 80% समय पढ़ने में ही जाता है। वह ज्यादातर लोगों के मेल मिलाप से दूर रहते है। उनको लेकर एक बात काफी अनोखी लगती है।


वह यह है की वे ट्विटर पर किसी को फॉलो नहीं करते। इस बात से जुड़ा एक किस्सा हुआ था। वॉरेन बफेट के दोस्त की एक कंपनी थी, लेकिन वॉरेन सर ने कभी उसमे इन्वेस्ट नही किया था, इसलिए उनके दोस्त ने वॉरेन सर को एक बार ट्विटर पर संदेश दिया। उन्होंने वॉरेन बफेट से कहा की तुमने आज तक मेरी कंपनी में इन्वेस्ट क्यों नही किया? इस ट्विटर पर वॉरेन सर उन्हे भी एक बार ट्विटर पर संदेश दिया, और उसमे उन्होंने उस कंपनी में क्या क्या गलत बाते है उनकी बड़ी सी लिस्ट बनाकर ट्वीट किया। लेकिन गवर्नमेंट ने उस ट्वीट को सोशल मीडिया से ढूंढ निकाला और उसे मीडिया पर पब्लिश कर दिया। उसके दोस्त की कंपनी इस तरह से बदनाम हो गई थी इसलिए उन्होंने इस ट्वीट के बाद कभी ट्विटर पर फॉलो नही करते थे। 


वॉरेन बफेट की ये बात सुनकर शायद आपको आश्चर्य होगा। जो व्यक्ति आज दुनिया के टॉप टेन में शामिल है वह आज भी उनके पास सैमसंग का पुराना मोबाइल है। वह आज भी अपने पुराने घर में रहते है जो उन्होंने 1958 में खरीदा था। वह आज भी अपनी गाड़ी खुद चलते है। उनकी जीवन शैली आज भी सामान्य ही है। वॉरेन बफेट आज भी प्रतिदिन का आधा घंटा वर्कआउट पर देते है, जो उनको ऊर्जा प्रदान करता है।


साल 2017 में वॉरेन सर ने अपने निवेशकों को लिखे लेटर में लिखा था की जब भी बाजार में बड़ी मंडी आती है तो वह रूपयार्ड किपलिंग की कविता की लाइनें गुनगुनाते है। उन्हें उस समय निवेश करने की एक बहुत बड़ी apportunity नजर आती है। जहा लोग बाजार में गिरावट आने पर डर जाते है वही पर वॉरेन बफेट को लालच आने लगता है। क्यों की वह दुनिया की लोगों से अलग ही थे, वह किसी कंपनी के शेयर खरीदने को कंपनी का बिजनेस खरीदने जैसा समझते है। इसलिए वह उन्हीं बिजनेस में इन्वेस्ट करते है जिन्हे वह समझते है। इसी वजह से वह शेयर बाजार की दुनिया में अपना नाम कर पाए।


1988 में वॉरेन ने कोकाकोला के शेयर खरीदने शुरू कर दिए थे। उन्होंने कोकोकोला के 7% शेयर खरीद लिए। अभी भी उनके पास उसके शेयर होल्डिंग में है। वह खुद भी कोकाकोला को पसंद करते है, वह दिन में पांच छे कैन कोकाकोला के पी जाते है, और मजाक में कहते भी है की कहते है की मेरे बॉडी में 25% कोकाकोला है। 


 इन्वेस्टिंग में वॉरेन बफेट दो rools को फॉलो करते है, उनमें पहला है, never loose your money और दूसरा रूल है की never forget rule no. 1, wah apne बिजनेस पार्टनर चार्ली मंगर को भी अपने सक्सेस का क्रेडिट देते है। जब भी उन्हें मौका मिलता वह उनकी तारीफ करते नही थकते। उन्होंने बचपन में ही दुनिया का सबसे अमीर इंसान बनने की बात अपनी बहन से कही थी। उसने कहा था की अगर मैं चुनिंदा साल तक अमीर नही बन पाया तो मैं ओहामा की सबसे ऊंची बिल्डिंग से कूदकर खुदकुशी कर लूंगा। 


वारेन बफेट के पास 6860 करोड़ डॉलर की यानी पांच लाख करोड़ को संपत्ति है। लेकिन उन्हें ऐसे कोई महंगी चीजों के शौक नही रहा। पैसे कमाने का उन्हें शौक है, लेकिन उसके साथ साथ पैसे डोनेट करने का भी अजीब शौक उन्हे है। दुनिया के सबसे बड़े डोनेटर के रूप में इनका एक रिकॉर्ड भी है। एक रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने 14 साल में 2.6 लाख करोड़ रुपए को दान में दिया था। वह दुनिया के बड़े बड़े अमीर लोगों से बिलकुल अलग है। कई लोग सोचते है की उनके पास इतना पैसा है फिर उन्हें इस उम्र में काम करने की क्या जरूरत है? दोस्तो, बिजनेस और इन्वेस्टिंग इसलिए करते है क्यों की ये उनका जुनून है, जो उन्हें सुकून देता है। अपने सुकून के लिए आज भी यह सब करते है, ये उनकी एक हॉबी है, जिसे करने में उनकी दिलचस्पी है, इसलिए वह 94 साल की उम्र में भी वह लॉन्गटर्म इन्वेस्टिंग के बारे में सोचते है। उन्होंने 90% से ज्यादा पैसा 50 साल की उम्र के बाद कमाया है। इस उम्र में भी अपना बिजनेस उसी तरह चला रहे है, जैसा की पहले चलते थे। 


सारांश : Invest strategy of Warren Buffett, वॉरेन बफेट की निवेश रणनीतियां


अगर दुनिया के जाने माने इन्वेस्टर वॉरेन बफेट की इस स्टोरी से आपको कुछ सीखने को मिला है तो इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करे। दोस्तो, Invest strategy of Warren Buffett, ये पोस्ट आपको कैसे लगी ये कमेंट करके जरूर बताए, thank you...


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