ऑप्शन ट्रेडिंग से मोटी कमाई कैसे करे?
दोस्तो, इस पोस्ट में हम ऑप्शन ट्रेडिंग से मोटी कमाई कैसे करे इस बारे में जानने वाले है। वैसे शेयर मार्केट में पैसे कमाने के कई सारे तरीके मिलते है, लेकिन ज्यादातर लोग शेयर मार्केट में कम समय में ज्यादा पैसा कमाने के लिए आते है। लेकिन इससे मोटो कमाई करने का एक तरीका होता है, इसे समझना चाहिए। अधिकतर लोग स्टॉक मार्केट में option treding करते है लेकिन हमेशा उनका पोर्टफोलियो लॉस में ही दिखता है। इसका सीधा सा मतलब ये है की लोगों को ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में बारीकी से जानकारी नहीं होती। इसलिए वह कही भी और किसी भी समय ट्रेड करते रहते है। ऑप्शन ट्रेडिंग से मोटी कमाई करने के तरीके अगर आप समझ जायेंगे तो आपका इस में सफल बनना आसान हो जायेगा।
मैं इस पोस्ट में ऑप्शन ट्रेडिंग के कुछ सीक्रेट बाते बताने वाला हूं। खास ऑप्शन ट्रेडिंग में आप किस तरह से बताए तरीके अपनाकर उससे अपना पोर्टफोलियो बड़ा कर सकते है इस बारे में बताया गया है। ये सारी ज्ञानवर्धक बाते आपको शायद कही सुनने और पढ़ने को नही मिली होगी। इन तरीको को अनुशासित रूप से ट्रेडिंग में आजमाते रहने से आप निश्चित रूप से प्रॉफिट कर पाएंगे। ये पोस्ट आपके लिए बहुत खास होने वाली है। इसलिए इस पोस्ट को शुरू से अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़े। आशा करता हूं की ये आर्टिकल आपको पसंद आएगा।
option treding का सेगमेंट कई सारी चीजों को सम्मिलित करके बनाया गया है। उसमे जो भी बाते समिल्लित की गई है, उन सबका उसकी प्राइस पर या कई अन्य बातों पर असर पड़ता है। कही ना कही वह चीजे इसमें इफेक्ट करती है। ऑप्शन का प्रीमियम कैसे घटता और बढ़ता है? कौन सी बाते हमे ऑप्शन ट्रेडिंग करने से पूर्व देखनी चाहिए? इसे किस तरह से करने से आप मोटी कमाई कर पाएंगे ? ये सारे सवाल इस पोस्ट में अच्छे तरीके से सुलझाए जायेंगे। इस सेगमेंट में ट्रेड करने से पहले आपको इसकी पूरी knowlegde होनी चाहिए। चलिए, इस पोस्ट में आगे बढ़ते है।
क्या ऑप्शन ट्रेडिंग से मोटी कमाई की जा सकती है?
ऑप्शन ट्रेडिंग मोटी कमाई करने का बढ़िया तरीका है। अगर इस में सही नॉलेज लेकर और लाइव मार्केट में प्रैक्टिस करके करोड़ों रुपए कमाए जा सकते है। इस पोस्ट में बताए तरीके आपको इसके लिए help करेंगे।
कई लोग इससे रेगुलर कमाई भी करते रहते है। कई लोगों ने करोड़ों की प्रॉपर्टी भी बनाई है।
दोस्तो, ऑप्शन ट्रेडिंग से हम हजार से लेकर करोड़ों रुपए तक कम सकते है। शेयर मार्केट से पैसे कमाने का कोई भी लिमिट नही होता। आप शेयर मार्केट से कितना पैसा कमाएंगे, ये इस बात पर निर्भर करता है की आप कितनी राशि, निवेश रणनीति और बाजार का रुझान किस तरह से है? इसमें रंक से राजा बनने में कोई ज्यादा समय नहीं लगता। कल परसों की ही बात है, कल गुरुवार के दिन निफ्टी की एक्सपायरी थी। उस दिन दोपहर 2 बजे के करीब 400 प्वाइंट की बड़ी मूवमेंट हो गई। इसमें 23200 का प्रीमियम 0.25 पैसे का हो गया था। मार्केट सुबह से sideway चल रहा था। अचानक दो बजे के करीब निफ्टी में बड़ा उछाल आया और 0.25 का प्रीमियम 1 घंटे में 100 रुपए का हो गया था। हालाकि इतनी बड़ी मूवमेंट कोई कैच नही करता । लेकिन कही ना कही बहुत से लागों ने लाखो करोड़ों रुपए कमाएंगे होंगे। इस तरह से ऑप्शन ट्रेडिंग में पैसा कमाने का कोई लिमिट नही होता। बस इसे सही ढंग से करने की और इसमें महारत हासिल करने की जरूरत होती है। एक्सपायरी के दिन अपनी राशि को पांच से 10% या उससे ज्यादा भी कमाया जा सकता है।
लोगों को स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टिंग तथा ट्रेडिंग के लिए विभिन्न श्रेणियां मिल जाती है। जिसमे डिलिवरी ट्रेडिंग, इंट्रा डे ट्रेडिंग, फ्यूचर ट्रेडिंग म्यूचुअल फंड्स, बॉन्ड्स, स्विंग ट्रेडिंग, IPO, ETF, तथा कमोडिटी ट्रेडिंग शामिल है। लेकिन सबसे प्रभावी तरीके से लोग विकल्प व्यापार में रुचि रखते है। इस परिसंपत्ति में कई सारी विशेषताएं मिल जाती है। इसकी कुछ खास विशेषताएं इस प्रकार है।
ऑप्शन ट्रेडिंग में बहुत जल्द पैसा बनता है, बहुत ही कम समय में यानी कुछ मिनटों में 10 से 40% तक प्रॉफिट कमाया जा सकता है। एक्सपायरी के दिन तो पैसे को डबल या चार गुना भी बनाया जा सकता है। इसके लिए जरूरी होती है सही जानकारी की।
ऑप्शन ट्रेडिंग में बहुत सारी स्ट्रेटजी मिल जाती है, जिनको हम कई तरीकों से मैनेज कर सकते है। मार्केट के मूवमेंट के अनुरूप अपनी स्ट्रेटजी में बदलाव किए जाते है। चाहे मार्केट में फास्ट मूवमेंट हो या चाहे स्लो मूवमेंट हो, या फिर मार्केट साइडवे में ट्रेड कर रहा हो। हर तरह के मूवमेंट के पैसा कमाया जाता है। बढ़ते और गिरते मार्केट में भी पैसा कमाया जाता है, ये इसकी खास बात है। लेकिन इसके कुछ disadvantage भी है, जिसे भी जानना जरूरी है। इसका सबसे बुरी बात ये है की इसमें जितना जल्दी पैसा कमाया जाता है उतना ही जल्दी पैसा गवाया जाता है। इसलिए उन्हें स्पेशली ये सलाह दी जाती है की नौ सीखियो को ऑप्शन में ट्रेड नही करना चाहिए। सीखने के बगैर ट्रेड करना अंधेरे में तीर चलाने जैसा होता है। अगर आप option buyer है, और मार्केट उसी प्राइस के आसपास मूवमेंट करता है फिर आपका लॉस ही होता है। इसलिए इस पोस्ट में किसी को ऑप्शन ट्रेडिंग करने की सलाह नही दी जा रही है। ये पोस्ट सिर्फ आपके नॉलेज के लिए है।
गलत ट्रेड करने पर आपके पूरे पैसे का भी लॉस हो जाता है। ये इसकी सबसे बड़ा दोष माना जा सकता है। लेकिन सीखने पर मुश्किल चीजे भी आसान हो जाया करती है। इसलिए इस पोस्ट मे आपकी जानकारियां बढ़ाने के खातिर कुछ ऐसे पॉइंट्स बताने वाला हु जिससे आपके लॉस काम हो जायेंगे और प्रॉफिट ज्यादा हो जायेगा। इसलिए इस पोस्ट को शुरू से अंत तक जरूर पढ़े। चलिए अब जान लेते है की ऑप्शन ट्रेडिंग से मोटी कमाई कैसे की जा सकती है।
ऑप्शन ट्रेडिंग से मोटी कमाई कैसे करे?
1. स्ट्रेटजी
सबसे पहले बात करते है ऑप्शन स्ट्रेटजी की। जब हम ऑप्शन में ट्रेड करने के लिए किसी दो पोजिशन को एक साथ अप्लाई करते है, तो उसे ऑप्शन स्ट्रेटजी कहते है। जैसे हमने एक ही स्ट्राइक प्राइस के put और call की पोजिशन एक साथ बनाई तो उसे हम स्ट्रेटजी कहेंगे। अब ये स्ट्रेटजी इसलिए बनाई जाती है, ताकि ऑप्शन में हमारा रिस्क कम हो जाए। हमने जहां से positions बनाई है, वही से मार्केट ऊपर जाए या नीचे आए, हमे इस तरह की स्ट्रेटजी को चुनकर हमे लॉस भी हुआ तो ज्यादा नही होगा। मार्केट में हमेशा पैसा कमाने से ज्यादा important होता है अपने पैसे को बचाना। जब तक पैसा बचा रहेगा हम आनेवाले समय में भी ट्रेड करते रहेंगे। जो लोग स्टॉक मार्केट में begginers है उनके लिए एक परफेक्ट स्ट्रेटजी होनी अति आवश्यक होती है। मार्केट की हर तरह की situations के लिए अलग अलग स्ट्रेटजी होती है। जैसी स्थिति होती है उसी के अनुसार आपको अपनी रणनीति का उपयोग करना चाहिए। ताकि हम अच्छा प्रॉफिट कर सके। हमारे पास बहुत सारी स्ट्रेटजी होती है, जो अलग तरह के मार्केट के लिए अलग तरह से डिप्लॉय की जाती है। क्यों की मार्केट कभी भी एक तरह से नही चलता। कभी अचानक से बड़ी मूवमेंट आ जाती है तो कभी मार्केट धीरे धीरे मूव करता रहता है, और कभी मार्केट sideway रहता है। इस तरह की स्थिति के अनुरूप हमे सही रणनीति अपनानी पड़ती है। इस तरह की स्ट्रेटजी को वही लोग ज्यादा अप्लाई करते है जो मार्केट को अच्छी तरह से जानते है। वह लोग जो बड़े बड़े फंड्स को मार्केट में लगाकर रेगुलर प्रॉफिट कमाते रहते है। क्यों की वह अपने पैसे का ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते।
2. स्टॉपलॉस
ऑप्शन ट्रेडिंग में रेगुलर प्रॉफिट करने के लिए हमे सही जगह स्टॉपलॉस लगाना आना चाहिए। स्टॉपलॉस ये एक टूल की तरह रहता है। इस टूल का सभी को बेहतर तरीके से उपयोग में लाना ट्रेडर्स के हित में रहता है। Stop loss हमे ज्यादा लॉस होने से बचाता है। ट्रेडर्स का गलत ट्रेड लेने पर ज्यादा नुकसान नही होना चाहिए, इसलिए स्टॉपलॉस बनाया गया है। जो लोग अक्सर बिना चुके स्टॉपलॉस लगाते है, वही रेगुलर प्रॉफिट कमा पाते है, लेकिन देखा गया है की 90%लोग इसे लगाते ही नही, इसलिए वह हमेशा लॉस करते ही रहते है।
अगर हमें ऑप्शन ट्रेडिंग से रेगुलर प्रॉफिट कमाना है तो हमें स्टॉपलॉस लगाना ही होगा। स्टॉप लॉस लगाना इसलिए जरूरी है क्यू की गलत ट्रेड लेने पर हमारा काम नुकसान हो। लेकिन ज्यादातर लोग स्टॉपलॉस लगाते ही नही है। लोग इस झंझट में नही पड़ना चाहते। अक्सर रिटेलर ट्रेडर्स को बिना स्टॉपलॉस लगाकर छोटा छोटा प्रॉफिट हो जाता है, लेकिन कभी कभी अचानक से मार्केट गलत मूवमेंट कर देता है जिससे हमारा एक ही ट्रेड में लगभग पूरा पोर्टफोलियो साफ हो जाता है। इस समय हमारे पास पछताने से अलावा कुछ नही बचता। अगर आप ऑप्शन में ट्रेड करते है तो आपके साथ भी ऐसा हुआ ही होगा। अगर स्टॉपलॉस लगाया होता तो ऐसा नहीं होता। इसे एक टूल की तरह समझना चाहिए। जो हमारे हित के लिए उपयोग किया जाना चाहिए। जो लोग नियमित रूप से स्टॉपलॉस का उपयोग करते है वह नियमित रूप से प्रॉफिट कमाते है। इसे एक टूल की तरह समझना चाहिए। बड़े बड़े फंड्स लगाने वाले लोग हमेशा इसका उपयोग करते है, इसलिए वह बड़े प्रॉफिट कमा पाते है। इसका सबसे बड़ा उपयोग ये भी होता है की हमने जो ट्रेड लिया है इसके हमे ज्यादा ज्यादा कितना लॉस होनेवाला है ये हमे पहले से ही पता होता है। इसलिए हम उस ट्रेड में ज्यादा समय तक टिके रहते है, जिससे हमे अच्छा प्रॉफिट देखने को मिलता है। क्यों की ऑप्शन ट्रेडिंग तो रिस्की होता है, लेकिन स्टॉपलॉस लगाकर हम उस रिस्क को सीमित कर लेते है। यही वजह है की सही जगह स्टॉप लॉस लगाना ऑप्शन ट्रेडिंग में मोटी कमाई करने के लिए बेहद जरूरी है।
सिर्फ स्टॉपलॉस लगाने से बेहतर ये होगा की हमे उसे सही जगह पर लगाना आना चाहिए। मार्केट तो स्वाभाविक रूप से ऊपर नीचे होता ही रहता है, इसलिए उसे ऐसी जगह स्टॉपलॉस लगाना चाहिए जो आसानी से हिट न हो सके। कुछ लोग स्टॉपलॉस तो लगा लेते है पर उनका स्टॉपलॉस बार बार हिट हो जाता है। इस में मार्केट की कोई गलती नही होती। गलती हमारी होती है, जो हमने उसे सही जगह नहीं लगाया। उसे सही जगह लगाने लिए आपको प्रतिदिन एक ही स्ट्रेटजी का उपयोग करना चाहिए। लोग अक्सर बार बार उसे बदलते ही रहते है। ऐसा करने से हमे समझ में नही आता की हमे स्टॉप लॉस कहा लगाना चाहिए। दूसरी सबसे जरूरी बात ये होती है की हम जहा स्टॉप लॉस लगाते है और अगर वह बार बार हिट हो रहा है तो आपको स्टॉप लॉस को थोड़ा बड़ा करने की जरूरत होती है।
3. स्ट्राइक प्राइस :
जब हम ऑप्शन का ट्रेड लेते है तो हमे उसके लिए प्रीमियम चुकाना पड़ता है। प्रीमियम चुकाने पर ही हम किसी भी ऑप्शन में ट्रेड कर पाएंगे। इसके लिए हमे स्ट्राइक प्राइस का चुनाव करना पड़ता है। ये भी एक बहुत इंपोर्टेंट बात होती है। हम अक्सर सस्ता वाला स्ट्राइक प्राइस चुन लेते है। ऑप्शन ट्रेडिंग करने से पहले हमे स्ट्राइक प्राइस का फंडा समझ लेना चाहिए। strike price तीन तरह की होती है।
in the money
at the money
out of the money
जब मार्केट लाइव चलता है तो सभी स्ट्राइक प्राइस के प्रीमियम घटते और बढ़ते हैं। लेकिन वह सभी प्रीमियम किस तरह से घटते बढ़ते है? ये जानना जरूरी है। जब हम कोई ट्रेड लेते है तो एक्चुअली हम प्रीमियम पर ही ट्रेड कर रहे होते है। प्रीमियम बढ़ेगा तो प्रॉफिट होगा और प्रीमियम घटेगा तो नुकसान होगा। तो सबसे पहले हम प्रीमियम के घटने और बढ़ने के पीछे की psycology को समझते है। प्रीमियम के बढ़ने और कम होने के पीछे ऑप्शन ग्रीक्स का बहुत बड़ा रोल होता है। इसे समझ जाने पर आपको ऑप्शन में प्रॉफिट होने का सीक्रेट पता चल जायेगा। तो सबसे पहले हम डेल्टा को समझते है।
साधारण तौर पर एंडरलाइन एसेट्स में होनेवाले बदलाव के कारण प्रीमियम में जो बदलाव आता है उसे डेल्टा ग्रीक्स कहते है। चलो इसे कुछ आसान करके समझते है। अंडरलाइंग एसेट्स (underlying assets) किसी शेयर को कहा जाता है, किसी इंडेक्स को कहा जाता है।
यहाँ हम एग्जांपल के लिए निफ्टी को ही ले लेते है। निफ्टी ये एक इंडेक्स है, और हम मान के चलते है की निफ्टी का अब का स्पॉट प्राइस 24400 चल रहा है।
तो यह अंडरलाइंग एसेट्स का प्राइस 24400 है। जब हम शेयर में या इंडेक्स में ट्रेड लेना चाहते है तो ऑप्शन चैन में हमे 50 के अंतराल पर बहुत सारे strike price देखने को मिलते है। जैसे 24500, 24450, 24400, 24350 ये सभी आपको देखने को मिल जाते है। यहां पर मार्केट 24400 पर चल रहा है तो इसे हम एटीएम (ATM) का strike price कहेंगे। कॉल की साइड में जो उपर का हल्का नीले कलर में जो स्ट्राइक प्राइस है उसे हम आईटीएम (ITM) कह सकते है, जो इस एग्जांपल में 24500, 24450 ये ITM यानी in the money कहेंगे। इसके बाद 24400 के नीचे जो स्ट्राइक प्राइस है उसे आउट ऑफ द मनी (OTM) कहेंगे। ये यहां जो बाते बताई जा रही है वह कॉल ऑप्शन की हो रही है। डेल्टा की वैल्यू ऑप्शन चैन में 1 से लेकर 0 तक रहती है। कॉल साइड में स्ट्राइक प्राइस ऊपर से नीचे पचास के अंतर में कम होती जाती है। सबसे उपर के स्ट्राइक की डेल्टा वैल्यू लगभग 1 के करीब होती है। वह 0.95 या 0.92 भी हो सकती है। जैसे जैसे डेल्टा वैल्यू स्पॉट प्राइस के करीब आता है, उसकी वैल्यू घटती जाती है। ATM का delta हमेशा 0.50 के आसपास रहता है। इसके बाद OTM में इसकी वैल्यू और भी कम होती जाती है। इस उदाहरण में 23600 का डेल्टा 1 होगा, वही पर एटीएम के स्ट्राइक पर डेल्टा 0.50 के करीब रह जायेगा। उसी तरह 25200 पर डेल्टा सिर्फ 0.05 ही रह जाएगा। अब सवाल ये आता है की डेल्टा किस तरह से स्ट्राइक प्राइस के प्रीमियम को measure करता है? चलिए अब इसे भी समझ लेते है।
अब आपको समझाने के लिए मान लेते हैं कि आपने नीचे के तीनो स्ट्राइक प्राइस की एक एक लॉट खरीद ली।
23600 1 1 लॉट ITM
24400 0.50 1 लॉट ATM
25200 0.05 1 लॉट OTM
अब समझो, मार्केट का स्पॉट प्राइस 24400 से 100 point बढ़कर 24500 हो गया। तो क्या इन तीनों का प्रीमियम एक समान बढ़ेगा? नही बिल्कुल नही! क्यों की इन तीनों का डेल्टा एक समान नही है। पहले का डेल्टा 1, दूसरे का 0.50 तो तीसरे का 0.05 है। जिसके डेल्टा की वैल्यू सबसे ज्यादा है, उसका प्रियम सबसे ज्यादा बढ़ेगा। यहां 23600 का प्रीमियम ज्यादा स्पीड से बढ़ेगा। 24400 का प्रीमियम मिडियम स्पीड से बढ़ेगा। वही पर 25200 का प्रीमियम बहुत ही कम स्पीड से बढ़ेगा। ऐसा इसलिए क्यू की जिसका डेल्टा ज्यादा है वह उतनी ही ज्यादा स्पीड से बढ़ेगा। और जितना डेल्टा कम है, वह उतनी ही कम स्पीड से बढ़ेगा। इसलिए स्ट्राइक प्राइस को सिलेक्ट करने के लिए इस डेल्टा पर विचार अवश्य करे। इसलिए index की expiry के दिन हमेशा OTM का स्ट्राइक प्राइस खरीदने से बचाना चाहिए। ATM के पास वाला प्रीमियम पर ट्रेड लेना हमेशा सही रहता है। यह हमने समझा की मार्केट में कितने भी प्राइस का चेंज आया तो इन सभी प्रीमियम में कितना चेंज आएगा? इसे नापने का काम डेल्टा करता है।
यह हमने डेल्टा के रोल को समझा दिया। अब इसी तरह VEGA को भी समझते है। VEGA का मतलब होता है वोलेटिलिटी। लोग ऑप्शन में तो ट्रेड करते है लेकिन इसे समझे बिना ही ट्रेड किए जाते है। किसी इंडेक्स की या शेयर की अलग volatility होती है। यहां मैं आपको निफ्टी का ही एग्जांपल देता हूं, ताकि आपको अच्छे से समझ आ सके। मान लेते है निफ्टी की महीने की volatility 14 है। लेकिन इस समय वही volatility 5 पर है तो आपने जो सही direction में ट्रेड लिया है। फिर भी उसमे आपको ज्यादा प्रॉफिट नही होगा। या फिर direction सही होने पर भी आपका लॉस ही होगा। ऐसा इसलिए हुआ क्यों की उस समय उस इंडेक्स की volatility कम थी। ऐसा कई बार आपके साथ भी हुआ होगा। ये सिर्फ volatility की वजह से होता हैं। जब भी निफ्टी में एटीएम के स्ट्राइक प्राइस की वोलेटिलिटी 14 से ज्यादा है तो आप OTM में भी पैसा बना जाता है। लेकिन 14 से कम रहती है तो आपको इन द मनी का ऑप्शन खरीदना चाहिए। ये मैं कॉल साइड का बता रहा हूं। पुट साइड की volatility हमेशा ज्यादा रहती है। इस बात को समझने के लिए लोगों को सालों लग जाते है, फिर भी उन्हें ये बात समझ नही आती। यही वजह है की हमेशा ट्रेड लेने से पहले वोलेटिलिटी चेक कर लेनी चाहिए। volatility कैसे चेक करते है इसे भी जान लेते है। आप india vix को तो जानते ही होंगे। india vix में आप बड़ी आसानी से वोलेटिलिटी जान सकते है। यहां मैं इससे जुड़ा एक बहुत महत्वपूर्ण डेटा बता रह हूं। जब भी वोलेटिलिटी high होती है तो हमेशा ऑप्शन बाय करना चाहिए। इसी तरह जब भी volatility low रहती ही तो हमे तब हमे ऑप्शन सेल करना चाहिए। हाई वोलेटिलिटी में buying में पैसा बनता है तो लो वोलेटिलिटी में selling में पैसा बनता है। ये ऑप्शन ट्रेडिंग में पैसा बनाने का सीक्रेट ही समझ सकते है।
इस तरह से अब सबसे महत्वपूर्ण ग्रीक्स theta के बारे में जानकारी लेते है। theta को ही टाइम वैल्यू कहा जाता है। ऑप्शन ट्रेडिंग में जो प्रीमियम होता है वह दो चीजों से बनता है। एक होता है इंट्रिंसिक वैल्यू और दूसरा होता है टाइम वैल्यू। ये दोनो वैल्यू मिलकर प्रीमियम बनता है। जैसे जैसे समय बीतता जाता है, प्रीमियम की टाइम वैल्यू कम होती जाती है। एक्सपर्ट के दिन आखिर में सिर्फ इंट्रिंसिक वैल्यू हो बचती है। एक्सपर्ट खतम होते ही OTM के प्रीमियम जीरो हो जाते है।
यहां हम टाइम वाली के बारे चर्चा कर रहे है। क्यों की जैसे जैसे एक्सपर्ट नजदीक आती है हमारा प्रीमियम में से टाइम वाली घटती चली जाती है। जैसे निफ्टी की वीकली एक्सपायरी गुरुवार को होती है। अगर हम शुक्रवार के दिन ट्रेड लेंगे तो इस दिन आपके प्रीमियम में से टाइम वैल्यू धीमी गति से कम होगी। लेकिन अगर गुरुआर को ट्रेड लेने तो उस दिन टाइम वैल्यू तेज़ी से घटती है। अगर हमने कोई ऑप्शन बाइंग का ट्रेड लिया और मार्केट उसी प्राइस के आसपास घूमता रहा, फिर भी ऑप्शन बायर्स को लॉस हो जाता है। ये सिर्फ और सिर्फ टाइम वैल्यू की वजह से होता है। लोग चलती मार्केट से तो पैसा बना लेते है लेकिन साइडवे मूवमेंट में पैसा गवा देते है।
अब सवाल आता है को इससे कैसे बचा जाए। इससे बचने के तीन तरीके है।
1. पहला तरीका ये है की आप ऑप्शन बाइंग करना छोड़ दो। ज्यादातर रिटेल ट्रेडर्स इसी थीटा ग्रीक्स के कारण हमेशा लॉस में रहते है। अगर आप भी इसी कारण लॉस को झेल रहे है तो आप option buying को छोड़कर ऑप्शन सेलिंग करना सबसे उचित रहेगा। क्यों कि थीटा आपको ऑप्शन सेलिंग में प्रॉफिट करने में मदद करेगा।
2. अगर आप ऑप्शन सेलिंग नही करना चाहते तो आपको दूर की एक्सपायरी वाला ऑप्शन खरीदना चाहिए। इसका बेनिफिट ये होगा की आपको थीटा के कारण होने वाला लॉस कम हो जायेगा। दूर की एक्सपायरी में टाइम वैल्यू बहुत धीमी गति से कम होता है, जो आपको ज्यादा परेशान नही करेगा। Long expiry में ट्रेड करना बायर्स के लिए सही और प्रॉफिटेबल होता है। वहीं पर short expiry में ट्रेड करना सेलर्स के लिए सही और प्रॉफिटेबल होता है। अगर आप भी ऑप्शन ट्रेडिंग में सफल बनना चाहते है तो आपको इन तरीको को अपनाकर मोटी कमाई की जा सकती है।
3. इसके लिए तीसरा तरीका भी है जिससे आपको थीटा परेशान नही करेगा। ये तरीका आपकी ट्रेडिंग में प्रॉफिट करने में मदद करेगा और आप ऑप्शन ट्रेडिंग से मोटी कमाई कर सकेंगे। इसके लिए इस तरह ट्रेडिंग करनी है, जिससे आपका ट्रेड लेने के बाद ज्यादा समय व्यतीत ना हो पाए। ऐसा तरीका ढूंढना चाहिए जो आपको शॉर्ट टाइम में प्रॉफिट कर सके। अगर शॉर्ट टाइम में प्रॉफिट लेकर बाहर आ जायेंगे तो थीटा आपका लॉस नही कर पायेगा। यहां हमे ज्ञात हो गया है की हमे कब कौन सा स्ट्राइक प्राइस चुनना चाहिए और delta vega और theeta किस तरह से ऑप्शन ट्रेडिंग अपना रोल प्ले करते है।
दोस्तो, ऑप्शन ट्रेडिंग में मोटी कमाई करने के लिए ये सारी बाते मदद करती है। ऑप्शन ट्रेडिंग एक कला है, जिसमे हर कोई सफल नहीं बन पाता। लेकिन अगर ठान लिया, तो ये कोई रॉकेट साइंस नही है। इसे कोई अनपढ़ भी अच्छी तरीके से करके करोड़ों की कमाई कर पाएगा। वही पर पढ़ा लिखा भी अगर सुझबुझ के साथ ट्रेडिंग नही कर पाया है, तो वह भी इसमें कुछ नही कमा पाएगा। इसे एक बिजनेस की तरह लिया जाना चाहिए। बिजनेस में जिस तरह सुझबुझ से काम किया जाता है इसी तरह से ऑप्शन ट्रेडिंग में भी इन सारी बातों का उपयोग करके करोड़पति बना जा सकता है।
इसके अलावा ऑप्शन ट्रेडिंग से मोटी कमाई करने के लिए अनुशासन के साथ पेशेंस, और ट्रेडिंग साइकोलॉजी पर कंट्रोल की बहुत जरूरत होती है। अगर इतना आप कर सकते है तो इससे मोटी कमाई करना मुश्किल नहीं है।
सारांश : ऑप्शन ट्रेडिंग से मोटी कमाई कैसे करे?
दोस्तो, मुझे पता है, इस पोस्ट को आपने बहुत ध्यान से पढ़ा होगा। इस पोस्ट बताई गई बाते मैंने खुद impliment की हुई है। ट्रेडिंग से मोटी कमाई कैसे करे? ये पोस्ट आपको कैसे लगी ये कमेंट करके जरूर बताएं। आशा करता हूं ये पोस्ट आपको पसंद आई होगी। इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगो के साथ सोशल मीडिया पर शेयर जरूर करे। इसी तरह की जानकारी से भरी पोस्ट पढ़ने के लिए topmoneytantra इस साइट पर विजिट करते रहे। Thanks..
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