ऑप्शन ट्रेडिंग में लॉस क्यू होता है?
लोग ऑप्शन ट्रेडिंग में लॉस क्यू होता है इस सवाल का जवाब कोई ढूंढना नही चाहता। अधिकतर लोग ऑप्शन ट्रेडिंग प्रॉफिट कैसे करे इस बारे में ही search करते रहते है। लेकिन जब तक हम ऑप्शन ट्रेडिंग में लॉस क्यू होता है इसे नही समझते तब तक हम लॉस ही करते रहेंगे।
लोग अक्सर लॉस होने के पीछे शेयर मार्केट को ही गलत ठहराते है। लोग खुद की गलती ना बताते हुए तरह तरह के बहाने बनाते है। जैसे..
- मार्केट ने गलत मूवमेंट दे दिया इसलिए लॉस हो गया।
- मार्केट बेवजह sidaway हो गया था इसलिए मुझे नुकसान हो गया।
- इंडिकेटर की गलत डायरेक्शन की वजह से मुझे लॉस हुआ।
- मार्केट का मूवमेंट सही नही था, इसलिए मुझे लॉस हो गया।
लेकिन एक्चुअली गलती खुद हमारी ही होती है। अगर हम लॉस होने के पीछे स्टॉक मार्केट को दोषी समझते है, तो इसका सीधा सा अर्थ यही होता है की आपने अभी तक स्टॉक मार्केट को या निफ्टी बैंक निफ्टी को सही तरह से समझा ही नहीं। क्यों की मार्केट की चालढाल हमेशा एक सरीखी नही रहती। मार्केट कभी एक व्यक्ति के हिसाब से नहीं चलती। एक ही समय में कोई पुट खरीदते है तो कोई कॉल ऑप्शन खरीदता है। इसलिए किसी एक व्यक्ति का ये सोचना गलत है की मैंने जो ट्रेड लिया है वह बिलकुल सही है। भले ही आपने इसका कितना ही अभ्यास किया हो।
लोग हमेशा प्रॉफिट के बारे में ही सोचते है। लॉस के बारे में कोई सोचता नही, इसलिए आपके ऑप्शन ट्रेडिंग में फेल होने के पीछे आपका लगातार लॉस होना ही प्रमुख कारण होता है। प्रत्येक ट्रेडर जो भी ट्रेड लेता है वह सिर्फ प्रॉफिट करने के लिए ही ट्रेड करता है। कोई भी ट्रेड लेने के पीछे ट्रेडर का मकसद होता है की उसे अच्छा खासा प्रॉफिट हो जाए। लेकिन असलियत में उसे ज्यादातर ट्रेड्स में लॉस ही होता है। सही मायने में देखे तो इसमें हमारी ही गलती होती है। इसलिए हम इसे हमारी गलती मानते ही नहीं। जब तक हम लॉस होने के क्या कारण है, इसे नही जान लेते तब तक हम ट्रेडिंग में ऐसी गलतियां दोहराते ही रहेंगे। अगर आप ये गलतियां करना छोड़ देते है तो ऑटोमेटिकली आपका लॉस होना लगभग कम हो जाएगा और आप ज्यादातर बार प्रॉफिट ही करेंगे। हमारा ट्रेडिंग में लॉस क्यू होता है, इनकी कौन कौन सी वजह होती है ये जान लेना बहुत जरूरी हो जाता है। अगर आप स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करते है तो ये पोस्ट आपके लिए बहुत ज्यादा important होने वाली है।
एक सेबी के रिकॉर्ड के अनुसार 90% लोग ऑप्शन ट्रेडिंग में लॉस ही करते है। सिर्फ 10% लोग ही प्रॉफिट कर पाते है। Option treding me loss kyu hota hai इसके पीछे बहुत सी वजह होती है। आज हम इस पोस्ट में इसकी डिटेल में बात करने वाले है। इसलिए इस पोस्ट को शुरू से अंत तक ध्यान पूर्वक जरूर पढ़े।
अगर हम ऑप्शन ट्रेडिंग में गलती करना छोड़ देते है तो आप बहुत कम समय में प्रो ट्रेडर बन सकते है। लेकिन लोगों को गलतियां करने की आदत सी पड़ जाती है। इस लिए वह सब कुछ समझने के बावजूद भी गलतियां करके अपना लॉस करते रहते है। जो रियल में सक्सेसफुल ट्रेडर बनना चाहते है वह हमेशा लॉस होने की वजह तलाशता रहता है, ताकि दुबारा से उस तरह की गलतियां दोहराई न जाए। अगर आप लॉस की वजह नही तलाशते तो आप वही गलतियां बार बार दोहराएंगे, जो आपका हमेशा लॉस करवाएगी। आपको ट्रेडिंग में कामयाब बनना है तो आप लॉस करने वाली गलतियां नही करेंगे। ट्रेडिंग में सफल होने का ये जादू की तरह काम करने वाला सीक्रेट है। जिसे लगभग हर ट्रेडर्स से छुपाया जाता है। प्रॉफिट करने के तरीके तो हर कोई बताता है लेकिन ऑप्शन ट्रेडिंग में लॉस होने की क्या क्या वजह होती है ये कोई नही बताता। इसलिए मैं खास आपकी उलझन को सुलझाने के लिए ये पोस्ट लिख रहा हूं। तो चलिए एक एक करके ट्रेडिंग में नुकसान करने की कौन कौन सी वजह होती है इन्हे जान लेते है।
ऑप्शन ट्रेडिंग में लॉस क्यू होता है?
1. अपनी एक परफेक्ट स्ट्रेटजी का अभाव :
रिटेल ट्रेडर्स में अधिकतर ट्रेडर्स ऐसे होते है जिनके पास कोई परफेक्ट स्ट्रेटजी नही होती। ऐसे लोगों के पास कोई प्लान नही होता। अगर मार्केट ऊपर जा रही है तो वह call खरीद लेंगे और इसी तरह मार्केट नीचे जा रही तो वह put खरीद लेंगे। ट्रेड लेने के पीछे उनका कोई लॉजिक ही नही होता। वह कभी कभार तुक्के से प्रॉफिट कर लेता है लेकिन ओवरऑल वह नुकसान ही करता है। प्रत्येक ट्रेडर के पास अपनी खुद की स्ट्रेटजी होनी चाहिए। जिसका winning ratio अच्छा होना चाहिए। उस परफेक्ट स्ट्रेटजी का आपने बैक टेस्टिंग करके परखा होना भी जरूरी है। साथ में वह स्ट्रेटजी कहा विफल होती है, उसका विकनेस प्वाइंट क्या है इसकी इसे जानकारी होनी आवश्यक होती है। जब हमारे पास ऐसी रणनीति होती है तो हमे पूरी तरह विश्वास होता है की हमे कहा entry और exit करना है। हमारे पास परफेक्ट setup होने पर हमे पता रहता है की कहा buy करना है और कहा sell करना है। हमे ये भी पता होता है की कहा स्टॉपलॉस लगाना है और कहा टारगेट लगाना है। जिनके पास कोई सेट अप नही होता उन्हे अक्सर लॉस होता रहता है। सही सेट अप से हमे लॉस होने का चांस घट जाता है।
प्रो ट्रेडर हमेशा किसी एक ही स्ट्रेटजी का इस्तेमाल करता है। वह बार बार अपनी स्ट्रेटजी नही बदलता। जब हम प्रतिदिन किसी एक ही स्ट्रेटजी का उपयोग करेंगे तो आपका उस पर विश्वास बढ़ जायेगा। इसके साथ ही आपके ट्रेड्स की संख्या घट जाएगी, रोज एक ही स्ट्रेटजी का उपयोग करने से हमारे दिमाग का संतुलन बना रहता है। जिससे हम गलत ट्रेड लेने से भी बच सकते है। बार बार अलग अलग सेट अप पर काम करना कही ना कही हमारा लॉस करने का कारण बन जाता है।
2. ओवर ट्रेडिंग करना :
जब हम ट्रेडिंग करते है तो हमे ये पता होता है की हर ट्रेड के लिए हमे ब्रोकरेज, और टैक्सेस जैसे चार्जेस देने होते है, जो रिटेल ट्रेडर्स के लिए बहुत ज्यादा लॉस का कारण बन जाया करते है। फिर भी हम अनभिज्ञ होकर ओवर ट्रेडिंग किए जाते है। जब हम ऑप्शन ट्रेडिंग में शुरुआती ट्रेड में लॉस कर जाते है तो मन ही मन हम ठान लेते है की मैं इस लॉस को कवर करके रहूंगा। इस तरह की सोच के साथ ट्रेड करना बहुत घातक होता है। कई बार एक ही दिन में ऐसे ट्रेडर 60 से 80% का लॉस कर जाते है। अगर आप ट्रेडिंग करते है तो इसका अनुभव आपने भी किया होगा। सेबी के एक रिकॉर्ड के अनुसार लगभग 40% का लॉस ओवर ट्रेडिंग की वजह से होता है। देखा गया है की ट्रेडर्स दो वजह से ओवर ट्रेडिंग करता है। पहली वजह होती है, लॉस रिकवर करने की जिद पकड़ लेना। इस कारण ट्रेडर बिना किसी लॉजिक के ट्रेड लिए जाता है। जो आपका और भी ज्यादा लॉस किए जाता है। दूसरा कारण होता है बिना सोचे समझे ट्रेड किए जाना। ये बिलकुल ऐसा होता है जैसे बिना रास्ता देखे कही भी गाड़ी चलाना। ऐसे लोगों के पास ना कोई प्लान होता है न कोई सेट अप होता है। इनका ट्रेड करना अंधेरे में तीर चलाने जैसा होता है। ऐसे लोग कभी रेगुलर प्रॉफिट नही कर पाते।
ओवर ट्रेडिंग में ज्यादातर retail treder शिकार होते है। ओवर ट्रेडिंग करने में माइडसेट यानी ट्रेडिंग साइकोलॉजी का बहुत बड़ा हाथ होता है। मार्केट जैसे जैसे मूवमेंट करता रहता है, वह उसी अनुरूप ट्रेड पर ट्रेड लिए जाते है। इसका सीधा सा असर ये होता है की वह एक ही दिन में 18 से 20 ट्रेड लेकर उन्हें एक्जीक्यूट कर डालते है। इसका परिणाम स्वरूप उन्हे आखिर लॉस ही झेलना पड़ जाता है। सबसे बड़ी बात तो ये है की उन्हें पता होता है की ओवर ट्रेडिंग करने पर हमे लॉस का ही सामना करना पड़ता है, फिर भी वह जान बुझकर अनजान बनकर ओवर ट्रेडिंग करते जाते है। इसलिए डिसिप्लिन रखकर ओवर ट्रेडिंग को avoid करेंगे तो आप को अधिकतया लॉस नही होगा। जिस दिन आप ओवर ट्रेडिंग करना कंट्रोल कर लेंगे उसी दिन से आपका सफल ट्रेडर बनना स्टार्ट हो जायेगा।
3. हैसियत से बड़ा लॉस साइज :
जो लोग ट्रेडिंग में begginers होते है उन्हे जल्दी जल्दी अमीर बनने की ललक होती है। इसलिए उनके पास जितना अमाउंट होता है उतनी ज्यादा लॉस साइज से ट्रेड करने लग जाते है। जो लोग पूरे महीने भर काम करके 20,000 कमा पाते है, लेकिन जब वह ऑप्शन ट्रेडिंग करते है तो एक ही दिन में 20,000 से ज्यादा कमाने का लालच रखते है। ये लालच उन्हें ले डूबती है, क्यों की हैसियत से ज्यादा का लालच हमेशा हानिकारक होता है।
जो लोग ट्रेडिंग में नए है और अभी सिख रहे है या थोड़ा बहुत एक्सपीरियंस है तो उन्हें प्रॉफिट कमाने से ज्यादा सीखने पर फोकस करना चाहिए। इसलिए उन्हें कम लॉट साइज से ट्रेड करना चाहिए। ऐसे में उन्हें लॉस भी होता है तो बहुत कम होगा। लेकिन उन्हें सीखने को जरूर मिलेगा।
लॉस साइज कम रखने का एक ओर रीजन होता है। अगर हम महीने का 15 से 20 हजार कमाते है, लेकिन कही से हमने बड़ा अमाउंट जुटा लिया और उस पूरे अमाउंट से ट्रेड करने लगे तो क्या होगा? जैसे ही मार्केट का डायरेक्शन आपके ट्रेड के विपरीत जाता है, आपको बहुत बड़ा बड़ा लॉस देखने को मिलेगा। जैसे 28000 का लॉस, 45600 का लॉस। इस तरह के लॉस देखने के बाद आपका माइंडसेट हील जायेगा और आप उस ट्रेड को नुकसान में एक्जीक्यूट कर देंगे। अब सोचने बात ये है की ऐसा क्यों हुआ। आपने सही ट्रेड लिया हुआ था, लेकिन मार्केट कई बार बड़ी मूवमेंट देने से पहले ट्रेडर्स की टेस्ट करता है। इसलिए वह थोड़ा विपरीत मूवमेंट करने के बाद बड़ी मूवमेंट करता है।
आप इस ट्रेड में बड़ा लॉस लेकर एग्जिट हो गए, क्यू की आपके लॉस झेलने की क्षमता बहुत कम थी। इतना बड़ा लॉस आप देख नही सकते थे इसलिए आपको बड़ा लॉस लेकर ट्रेड को एग्जिट करना पड़ा। एग्जिट करने के बाद उसी ट्रेड में बड़ा मूवमेंट आ जाता है। इसलिए हमेशा अपने औकात में रहकर ही लॉट साइज चुनना चाहिए। लॉस साइज को कम रखकर हमे लाइव मार्केट में सीखने को मिलता है। नौसीखे ट्रेडर्स के लिए पैसे कमाने से ज्यादा सीखना जरूरी होता है।
अगर किसी ट्रेडर्स को किसी ट्रेड में छोटा मोटा प्रॉफिट हो जाता है तो उसे लगने लगता है की अब मुझे करोड़पति बनने से कोई रोक नही सकता। फिर वह कही से बड़ा amount जुटाकर बड़ी लॉट साइज लेकर मार्केट में ट्रेडिंग करता है। लेकिन वह बड़ी मात्रा में होने वाले प्रॉफिट लॉस को झेल नही पता। इसलिए इसका बराबर लॉस होता रहता है। जब आप एक पर्टिकुलर साइज का लॉस को सह पाते है, तब आपको अपनी लॉट साइज बढ़ानी चाहिए। बड़ी लॉट के प्रॉफिट लॉस लेने का भी एक्सपीरियंस होना बहुत जरूरी होता है। क्यों की हमारा माइंड इस तरह से बड़े बड़े प्रॉफिट लॉस को झेलने के लिए तैयार ही नहीं रहता। लेकिन जो बड़े बड़े इन्वेस्टर्स होते है, उन्हे इसका रोज का एक्सपीरियंस होता है, उन्होंने बड़े लॉस और प्रॉफिट देखे होते है। इसलिए उन्हें लाखो का लॉस होने पर भी कुछ फर्क नही पड़ता। इस तरह से वह बड़ा प्रॉफिट भी कर पाते है।
जब आप मार्केट में प्रॉफिट करते जाते है तब धीरे धीरे लॉट साइज को बढ़ाना सही रहता है। एक लॉट साइज पर लगातार एक महीने तक टिके रहे। फिर उसके बाद थोड़ी लॉट साइज बढ़ाई जानी चाहिए। ये सही तरीका हो सकता है, लेकिन कभी भी अपनी लॉट साइज को बढ़ाते जायेंगे तो आप लॉस कर सकते है।
4. गलत समय पर ट्रेड लेना :
ये भी एक common mistake लगभग हर नया ट्रेडर करता रहता है। मैने भी खुद ऐसी गलतियां की हुई है, जब मैं ट्रेडिंग में नया था। मान लेते है इस समय मार्केट गिर रही है, आपने एक ट्रेड लिया और उसमे 10% का प्रॉफिट निकालकर ट्रेड को एक्जीक्यूट भी कर दिया। लेकिन आप देखते है की मार्केट तो अभी भी गिर रहा है। लेकिन आप बहुत जल्दी ट्रेड से निकल गए। अब आपको लालच आ रहा है और आपसे रहा नही जाता। आप फिर गिरती हुए मार्केट में पुट ऑप्शन का ट्रेड ले लेते है। आप जैसे ही पुट का ऑप्शन खरीदते है, स्पॉट प्राइस धड़ाम से उपर चला जाता है। वहा पर आपका 40% का लॉस हो जाता है।
अब जरा सोचिए, क्या इस तरह से रिस्क उठाकर ट्रेड लेना सही रहता है। इस तरह से लॉस कई ट्रेडर्स को होता रहता है। यहा आपको 10% का प्रॉफिट हो चुका था, तो आपको चुपचाप बैठना था, लेकिन हमसे चुपचाप बैठा ही नही जाता। क्यों की हम बहुत उतावले हो जाते है। जहा मार्केट के ट्रेंड बदलने के चांसेस होते है वहा भूलकर भी ट्रेड नही करना चाहिए। ये गलती बहुत महंगी पड़ जाती है। ऐसे मौके पर स्पॉट प्राइस अचानक से बड़ी मूवमेंट कर देता है। ऑप्शन ट्रेडिंग में अगर ऐसी गलती आप बारबार दोहराते है तो बहुत जल्द आप लाखो रुपए गवा सकते है। जब स्पॉट प्राइस सपोर्ट पर आ जाता है उस समय पुट का ऑप्शन भूलकर भी नहीं खरीदना चाहिए, भले ही मार्केट कितना भी गिरता रहे। ठीक इसी तरह स्पॉट प्राइस जब रेजिस्टेंस के पास आ जाता है तो भूलकर भी कॉल का ऑप्शन नही खरीदना चाहिए। ज्यादा लालच करके प्रॉफिट कमाने से बेहतर होता है अपने कैपिटल को सुरक्षित रखना या उसे बचा के रखना। क्यों की ऐसी गलती करके हमे लेने के देने पड़ जाते है। हम इस वजह से बहुत बड़ा लॉस एक ही ट्रेड में कर बैठते है।
5. स्टॉपलॉस ना लगाना :
दोस्तो जब हम ट्रेड करते है तो हमे पता नही होता है की इस ट्रेड में कितना प्रॉफिट करने वाला है या कितना लॉस करने वाला है। क्यू की मार्केट का मूवमेंट कभी कही भी जा सकता है। इससे हमारा लॉस होने के चांस बने रहते है। लेकिन जब हम स्टॉपलॉस लगाते है तो आपको डिफाइन हो जाता है की इस ट्रेड में मैं कितना लॉस करने वाला हु। मतलब मार्केट कितना भी गलत डायरेक्शन में गया फिर भी आपको उतना ही लॉस होगा जितना आपने उसे सेट किया हुआ है। जब हम स्टॉपलॉस लगा लेते है तो ट्रेड के दौरान हमे डर नही रहता की कही हमे 50 या 60% लॉस ना हो जाए। इससे हम अच्छा प्रॉफिट कमा पाते है। अगर लॉस भी हुआ तो वह मेंटेन रहता है। इसलिए बड़े losses बचने के लिए हमे stop loss जरूर लगाना चाहिए। क्यों की प्रॉफिट कमाने से ज्यादा जरूरी होता है अपने कैपिटल को बचाके रखना चाहिए।
6. गलत स्ट्राइक प्राइस का चुनाव :
लोगों की हमेशा चाह होती है की वह सस्ती चीज खरीदकर और महंगी बेचे। इसलिए लोग सस्तावाला स्ट्राइक प्राइस वाले प्रीमियम का कॉल या पुट खरीदते है। ऑप्शन ट्रेडिंग में आउट ऑफ द मनी के प्रीमियम सस्ते तो होते है लेकिन उनमें प्रॉफिट होने के चांसेस बहुत कम होते है, क्यो की उनमें डेल्टा बहुत low होता है। उनमें प्रॉफिट तब दिखता है जब अचानक से बड़ी मूवमेंट आ जाती है। लेकिन ऐसा बहुत कम बार होता है। इसलिए आउट ऑफ द मनी के प्रीमियम खरीदने से हमेशा बचना चाहिए। अगर खरीदने ही है तो अट द मनी के नजदीक वाला प्रीमियम बेस्ट रहता है। विशेषतया निफ्टी या बैंक निफ्टी की एक्सपर्ट के दिन सस्तावला प्रीमियम के कॉल या पुट नही खरीदना चाहिए। क्यों की उस दिन आउट ऑफ द मनी का प्रीमियम जीरो होनेवाला होता है।
7. किसी की कही सुनी पर ट्रेड करना :
जो retail ट्रेडर्स होते वह अक्सर ऐसी गलती करते है। क्यों की उन्हें कहा खरीदना है और कहा बचना है इसकी नॉलेज ही नही होता। जब मामला पैसों का है तो हम किसी के कहने पर कैसे भरोसा कर सकते है। अगर कोई आपको ट्रेडिंग स्ट्रेटजी को आपके साथ शेयर कर रहा है हमे उसपर आंख मूंदकर भरोसा नही करना चाहिए। उस स्ट्रेटजी का winning retio को भी जान लेना चाहिए। इसकी आपको बैकटेस्टिंग करनी बहुत जरूरी होती है। बैकटेस्टिंग करने के बाद वह आपके विश्वास पर खरी उतरती है तब आप उसका उपयोग करेंगे।
लेकिन अधिकतर लोग ऐसा कुछ भी नहीं करते। किसी ने कुछ रणनीति बताई की लोग उसे फॉलो करने लगते है। जिसमे उन्हें लॉस होता रहता है। फिर वह किसी दूसरे की स्ट्रेटजी का उपयोग करेंगे। इसी तरह से करते रहने से आप कभी सफल ट्रेडर नही बन सकते बल्कि आप हमेशा लॉस मेकिंग ट्रेडर ही बने रहेंगे।
8. डर और लालच :
ऑप्शन ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा लॉस इसी वजह से होता है। ट्रेडिंग के दौरान लोगों का माइंडसेट हमेशा बदलता रहता है। कभी उन्हें प्रॉफिट होने पर भी लालच आ जाता है तो कभी उन्हें ट्रेड के विपरित स्पॉट प्राइस जाने से डर लगने लगता है। ये सब गलत मानसिकता के कारण होता रहता है। लोग जब ट्रेडिंग करते है तो दिमाग से नहीं बल्कि भावनाओ में आकर ट्रेड करते है। जो उन्हें नियमित रूप से लॉस करने का कारण बन जाता है। लालच करने से प्रॉफिट किया हुआ ट्रेड में भी लॉस लेकर बाहर निकलना पड़ता है। डर और लालच ये दोनो ही ट्रेडर्स के दुश्मन होते है। इसलिए हमेशा उन से बचते रहना चाहिए।
9. बिना मार्केट को समझे ट्रेड करना :
जो लोग मार्केट को भली भाती नही समझते, लेकिन फिर भी ट्रेडिंग करते है उन्हे तो लॉस जरूर होगा। हम जिस चीज को करने जा रहे है, उसका हमे प्रॉपर नॉलेज होना जरीरी होता है। मैने ऐसे लोगों को भी देखा है जिन्हे सिर्फ buying और selling करना ही आता है फिर भी वह ट्रेडिंग करते है। क्या ऐसे लोग शेयर मार्केट से पैसे कमा सकते है।
अगर आपको गाड़ी चलाना नहीं आता, car से जुड़ी हुई बातो का उपयोग करना नही आता फिर भी आप car चलाने लगेंगे तो क्या होगा। शायद आप गाड़ी को सड़क से नीचे उतार देंगे या फिर गाड़ी को कही पर ठोक देंगे। इसमें आपकी गाड़ी का भी नुकसान होगा और खुद आपका भी नुकसान होगा। इसलिए ट्रेडिंग करने से पूर्व आपको सिखाना और उसका एक्सपीरियंस लेना अति आवश्यक है। बिन सीखे ट्रेड करने पर लॉस होना लगभग निश्चित होता है।
10. ट्रेंड के विपरित ट्रेड करना :
ये एक ऐसी गलती है, जिसका परिणाम हर उस ट्रेडर को भुगतना पड़ता है जो ये गलती करते है। 90% ट्रेडर ये गलती नियमित रूप से करते रहते है। वह कभी बारीकी से समझने की कोशिश नही करते की कही मैं गलत ट्रेड तो नही ले रहा। मार्केट में क्या चल रहा है ये वह समझ ही नही पाते। स्पॉट प्राइस ऊपर जाता हुआ दिखा की कॉल ऑप्शन ले लिया। उसी तरह मार्केट गिरते दिखा की पुट ले लिया। लेकिन थोड़े ही समय में मूवमेंट बदल जाता है। आश्चर्य की बात ये है की जो लोग सालो से ट्रेडिंग करते आ रहे है वह भी इस तरह की गलतियां करते है।
ट्रेंड को समझने के लिए आपका अभ्यास कड़ा होना चाहिए। मार्केट या मार्केट के ट्रेंड को समझना इतना आसान नहीं है। उसे समझने के लिए दिन रात एक करने पड़ते है। शेयर मार्केट ये एक गहरा समुंदर होता है। जिसमे हम जितनी गहराई में जाते है उतने ही मोती आपके हाथ लगते है। इसलिए इसका एकमात्र तरीका है अभ्यास करना। जब कोई व्यक्ति ट्रेंड को समझने लगता है तो वह सफल ट्रेडर बनने के लायक हो जाता है। इसके साथ ही उसके होने वाले नुकसान भी कम हो जाते है।
सारांश : ऑप्शन ट्रेडिंग में लॉस क्यू होता है?
तो दोस्तो, इस पोस्ट में हमने ऑप्शन ट्रेडिंग में लॉस क्यू होता है इस बारे में जानकारी हासिल की। दोस्तो, आपको ये पोस्ट कैसे लगी ये कमेंट करके जरूर बताएं। इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर अपने दोस्तो के साथ शेयर जरूर करे ताकि उन्हें भी इस जानकारी का लाभ मिल सके। आशा करता हूं की ऑप्शन ट्रेडिंग में लॉस क्यू होता है? ये पोस्ट आपको पसंद आई होगी। थैंक यू
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