शेयर कब खरीदे और कब बेचे? 8 जबरदस्त तरीके,
शेयर कब खरीदे और कब बेचे? 8 जबरदस्त तरीके,When to buy and when to sell shares? 8 best ways
आज के इस आर्टिकल में शेयर कैसे कब खरीदे और शेयर कब बेचे इस बारे में जाननेवाले है।इसके साथ ही हम यह भी जानेंगे की शेयर खरीदने का तरीका और शेयर खरीदने बेचने के नियम क्या है, शेयर को अच्छी तरह से खरीदने और बेचने के लिए हमे क्या क्या करना चाहिए और शेयर को खरीदने का सही समय क्या है। तो चलिए जानते है शेयर कब खरीदे और कब बेचे? 8 जबरदस्त तरीके
स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग के समय को समझने के लिए शुरुआती गाइड
शेयर मार्केट से जुड़ा हर treder शेयर्स की खरीदारी और बिकवाली करने का सही समय क्या है? यह जानने के लिए उत्सुक होता है। कोई शेयर कब ऊपर जाता है और कब नीचे आता है? इसे समझ लिया तो आप शेयर मार्केट के तेजी मंदी से घबराएंगे नही।
आज इस पोस्ट में हम 6 बेस्ट तरीके बताने वाले है जिन्हे follow करके आसानी से बड़ा profit earn कर पाएंगे। अगर आप इसे समझ लेते है तो ट्रेडिंग में लाभ बढ़ा पायेंगे। इसलिए ये पोस्ट आपके लिए important है।
जो शेयर मार्केट में नए है उन लोगों के लिए शेयर कब खरीदे और कब बेचे? ये एक सबसे चुनौतीपूर्ण सवाल होता है। जब stock market में शेयर खरीदने और बेचने की बात आती है तो उसके लिए एक समय ही इंपोर्टेंट होता है। शेयर खरीदने और बेचने को लेकर सही समय पर सही निर्णय ट्रेडिंग में सफलता और असफलता का कारण होता है। इस आर्टिकल में आपको शेयर खरीदने बेचने का सही समय की perfect जानकारी मिलेगी।
शुरुआत में मैं नए इन्वेस्टर्स के लिए शेयर खरीदने से लेकर टाइमिंग की मूल बातों पर चर्चा करेंगे। इसमें हम बताएंगे की ट्रेडिंग में समय क्यू महत्वपूर्ण है, सही समय पर ट्रेड लेने के क्या फायदे है, जो नए treders को जानना जरूरी है। साथ ही ये पोस्ट जो अनुभवी निवेशक है उन्हे भी treding में अपना समय कोशल बढ़ने में मदद करेगी। शेयर मार्केट में समय ही सब कुछ होता है।
अगर आपने कोई अच्छा शेयर गलत टाइम पर खरीद लिया गलत टाइम पर बेच दिया तो वह आपको profiit की जगह loss ही देगा। इसलिए सही समय पर शेयर buy और sell करेंगे तभी प्रॉफिट बना पाएंगे। इस पोस्ट मे स्टेप बाय स्टेप समझाया गया है कि शेयर कब खरीदना और बेचना चाहिए। अगर आप इस पोस्ट पर आए है तो इस पोस्ट को शुरू से लेकर अंत तक जरूर पढ़ना चाहिए। यही पोस्ट आपके सवालों के सही जवाब दिलवाएगी।
मुझे आशा है की ये पोस्ट treding या investing में अपना समय कुशल बढ़ाकर अपना प्रॉफिट को बढ़ाने में मददगार साबित होगी। ये पोस्ट आपको सूचित निर्णय लेने और शेयर मार्केट में सफल ट्रेडर या इन्वेस्टर बनने में मिल का पत्थर साबित होगी।
शेयर कब खरीदना और बेचना चाहिए?/ Share kab kharide aur share kab beche ? /Share kab kharide aur kab beche ?/ When to buy share in stock market in hindi? /शेयर कब खरीदना चाहिए और बेचना चाहिए?
जब हम शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते हैं तो हमारे दिमाग कई सारे सवाल होते है
जैसे:
- ट्रेडिंग के लिए कौनसे शेयर चुने?
- टोटल wealth से कितने शेयर्स खरीदे?
- ट्रेडिंग के लिए कौनसी कंपनी बेस्ट रहेगी?
- इन्वेस्ट करे या treding करे?
- कितने समय के लिए hold रखे?
इन सभी सवालों में शेयर कब खरीदे और कब बेचे?
ये सवाल सबसे ज्यादा important है।
स्टॉक मार्केट में timing ( समय ) का क्या महत्व है?
शेयर बाजार में समय का मूल फैक्टर
जो लोग मार्केट में नए है उनके लिए मार्केट टाइमिंग डरावनी हो सकती है। इस बात को जानने से पहले डिमांड और सप्लाई के संबंध को जानना चाहिए। इसीके आधार पर शेयर का मूल्य कम या ज्यादा होता है । जब किसी शेयर को खरीदने वाले बेचनेवालों से ज्यादा हावी हो जाते है तो उस शेयर का प्राइस बढ़ने लगता है। उसी प्रकार जब किसी शेयर के खरीदारों से ज्यादा बेचनेवाले हावी हो जाते है तो उस शेयर का प्राइस गिरने लगता है।
जिस तरह हर व्यापार की कीमत डिमांड और सप्लाई पर निर्भर होती है, ठीक उसी प्रकार शेयर मार्केट में भी ऐसा ही होता है।
शेयर खरीदकर ज्यादा प्रॉफिट कमाने के लिए बाजार trend और insight दोनो को ध्यान में रखना होता है।
Trend की बात करे तो शेयर खरीदने से पूर्व आपको ट्रेंड का पता लगाना होगा। ट्रेंड तीन तरह का होता है
- Up trend
- Down trend
- Sideway trend
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शेयर मार्केट से ज्यादा प्रॉफिट earn करने के लिए आप buy sell से रिलेटेड तरह तरह के सवाल करते रहते है।
जैसे :
- शेयर खरीदने से पहले क्या करना चाहिए?
- शेयर खरीदने का सही समय कब होता है?
- शेयर मार्केट में तेजी मंदी के दौरान क्या करना चाहिए?
- जब शेयर मार्केट में मंदी आती हैं तो क्या शेयर्स बेच देना चाहिए और तेजी आती है तो क्या शेयर्स खरीदना चाहिए? या इसका उल्टा करना चाहिए?
- किस समय शेयर्स को खरीदना और बेचना सही रहेगा?
- कंपनी ने कितना कर्जा लिया हुआ है?
- क्या कंपनी अच्छा profit कर रही है?
सही टाइम पर शेयर खरीदने पर भी loss क्यों होता है?
ज्यादातर शेयर मार्केट में मंदी आने पर या कुछ लोग share को बेच देते हैं ताकि वह ज्यादा नुकसान से बच सके। ठीक उसी प्रकार जब मार्केट में कोई शेयर अपने all time high पर होता है तक खरीद लेते है। यहां दोनो ही सूरत में treders को लॉस का सामना करना पड़ता है।
क्यों की मंदी के चलते अपने शेयर्स को बेचने के कुछ ही समय बाद वह शेयर अच्छी ग्रोथ करने लगता है। ठीक उसी प्रकार किसी शेयर में all time high पर खरीदने पर वह गीरने लगता है।
लोग स मार्केट में करेक्शन या मंदी होने पर डरकर शेयर बेच देते हैं ताकि वह और अधिक नुकसान से बच सकें,
ठीक इसके विपरीत कुछ लोग उस समय शेयर को खरीद लेते हैं जब शेयर अपने all-time हाई प्राइस पर होता है क्योंकि उन्हें लगता है कि अगर कोई शेयर अपट्रेंड में ही चल रहा है तो उसका चार्ट आगे भी ऐसा ही चलता रहेगा लेकिन ज्यादातर बार ऐसा नहीं होता है इसलिए उनका पैसा डूब जाता है।
ऐसे में हमें समझ नहीं आता है कि आखिर शेयर को खरीदने का सबसे अच्छा समय कब है और किस समय अपने खरीदे हुए शेयर को बेचना चाहिए ताकि हम अपने निवेश पर ज्यादा से ज्यादा रिटर्न कमा सकें।
फंडामेंटल एनालिसिस क्या है ?
इसके लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस बहुत जरूरी है। अगर आप टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस करना नही जानते तो आपको शेयर खरीदने से पहले उस शेयर में कुछ कुछ important fact होते है जिन्हे जानना चाहिए।
- कंपनी के मैनेजमेंट में कैसे लोग हैं
- कंपनी का बिजनेस मॉडल क्या है।
- कंपनी की भविष्य की योजनाएं क्या है
- क्या कंपनी का प्रॉफिट ग्रोथ हो रहा है।
- कंपनी विस्तार कर रही है।
- कंपनी का आईपीओ आने के बाद अब तक का उस कंपनी का परफॉर्मेंस कैसा है।
- उस कंपनी के पास ऐसा क्या एडवांटेज है जो उसे उस सेक्टर की बाकी कंपनियों से अलग बनाती है
- उस कंपनी का बिजनेस मॉडल क्या है
शेयर कब खरीदे और कब बेचे? 8 जबरदस्त तरीके
शेयर कब खरीदे और कब बेचे? इस विषय पर शेयर मार्केट के महान निवेशक वॉरेन बफेट कहते है। आपको उस समय शेयर्स खरीदने चाहिए जब पूरा मार्केट डरा हुआ हो, और उस समय शेयर्स को बेचना चाहिए जब पूरा मार्केट लालची हो रहा हो। यानी सीधी भाषा में कहा जाए तो जब क्रैश के कारण मार्केट डरा होता है तो आप लालची हो जाओ, और मार्केट लालची हो जाए तो आप डर जाओ। आपको market के greed और fear के विपरित कार्यवाही करनी चाहिए ऐसा वॉरेन कहते है। इसी बेसिक फंडा को वॉरेन बफेट ने आजमाकर अरबों रुपए कमाए है।
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आइए अब जानते है शेयर्स को खरीदना चाहिए :
1.जब मार्केट में बड़ा क्रैश आए। (share kab kharide?)
कई बार इंडिया में या फिर वर्ल्ड में कोई आपत्ति आती है जैसे महामारी, भूकंप, सुनामी, आनिबानी, युद्ध जैसी स्थितियां, आ जाती है। ऐसी स्थितियों में शेयर मार्केट बहुत ज्यादा गिर जाता है। पैनी स्टाॅक तो गिरते ही है साथ साथ मजबूत स्टॉक्स भी गिर जाते है। ये टाइम शेयर्स खरीदने का सबसे अच्छा समय कहा जा सकता है। आधे से भी ज्यादा लोग इस तरह का क्रैश आने पर अपने शेयर buy करते है। लेकिन शेयर मार्केट के खिलाड़ी लोग इसे एक apportunity की तरह देखते है जब इस तरह के क्रैश से बाजार की कीमतें बहुत गिर चुकी होती है तब बड़े इन्वेस्टर उसमे जितना ज्यादा हो सके इन्वेस्ट करते हेयर लंबे समय तक hold करके रखते है। क्योंकी आपत्ति के निवारण के बाद वही शेयर फिर से grow करने लगते है। बड़े इन्वेस्टर्स इस सुनहरे मौके का बड़ी बेसब्री से इंतजार करते है।
वॉरेन बफेट ने भी अपनी मुलाकात में यही कहा है, की जब लोग मार्केट गिरने के कारण डर जाते है तब हमे लालची बन जाना चाहिए। आपको भी बड़ा मुनाफा करना है तो इस ट्रिक को जरूर फॉलो करो। ये ट्रिक बड़े investers की आजमाई हुई ट्रिक है।
2. Intrinsic value कम होने पर : (share kab kharide)
अब intrinsic value क्या होती है, ये सवाल आपके मन आया होगा। Intrinsic value का मतलब होता है आंतरिक कीमत। किसी भी शेयर की आज की कीमत और intrinsic value अलग अलग होती है।
उदाहरन से देखते है जैसे:
- आज किसी xyz शेयर की कीमत 800₹ है और उसी की intrinsic value 620 है तो वह शेयर सस्ता कहा जायेगा। यानी undervalued hai ऐसा कहा जाएगा।
- लेकिन अगर वही शेयर की intrinsic value 620₹ की जगह 850₹ है तो वह शेयर महंगा कहलाएगा।
कंपनी का कितनी कीमत का लैंड है, उस के ऐसेट्स की क्या price है, और उस कंपनी की क्या क्या कैपिटलस है उन सभी को plus करके जो संख्या मिलती है उसमे उस कंपनी के शेयर्स की संख्या को डिवाइड करने के बाद जो संख्या मिलती ही उसे उस कंपनी की intrinsic value कहते है। अब आपको intrinsic value क्या है ये consept तो समझ आ गया होगा।
जब आप कोई शेयर्स खरीदने की सोचते है तो उस us share की intrinsic value को जानना चाहिए।
अगर कोई मुझसे पूछे की शेयर्स खरीदने का सबसे अच्छा समय कौनसा है? तो में आपको वही शेयर खरीदने के लिए कहूंगा जिसकी आज की वैल्यू Intrinsic value से कम है। अगर कोई शेयर उसकी वास्तविक कीमत से कम में मिलता है तो उसे जरूर लेना चाहिए। आगे चलकर वह शेयर अच्छा ग्रोथ करने की संभावना बढ़ जाती है। ये मेरा शेयर खरीदने का बेस्ट तरीका है। जो स्टॉक undervalued हैं उसे ही खरीदना चाहिए।
- किसी भी स्टॉक Intrinsic value का सीधा सा मतलब होता है उस शेयर की सही कीमत अर्थात Real Value से है।
- शेयर की Intrinsic value उस शेयर की मार्केट वैल्यू से कम या ज्यादा हो सकती है।
- Intrinsic value को कई सारे नाम से जानते है जैसे fair value, true value, या फिर उस शेयर की वास्तविक कीमत
- दुनिया के सबसे अमीर इन्वेस्टर Warren Buffett भी intrinsic value से नीचे शेयर खरीदने की बात कहते हैं क्योंकि वह खुद भी Value Investing करते हैं जिसका मतलब है कि वह किसी भी स्टॉक को कम प्राइस पर खरीद कर उसे Long Term तक hold करते हैं और फिर उसे ज्यादा में बेच देते हैं।
3. share market की समीक्षा करके : (share kab kharide)
जब कोई शेयर खरीदना हो तो उस शेयर के चार्ट को track करके, उसकी अलग अलग तरह से analisys करके आप उस शेयर को अच्छे टाइम पर ऐंटी कर सकते है।
जब ओवरऑल मार्केट में uptrend चल रहा हो तब शेयर खरीदने का सबसे अच्छा मौका होता है। इससे उल्टा अगर down trend में जब आप शेयर खरीद लेंगे, भले ही वह शेयर uptrend में हो। बहरहाल वह शेयर भी डाउन हो जाएगा और वह आपको अच्छा मुनाफा नहीं दे पाएगा। जिसे शायद आपने भी अनुभव किया होगा।
मार्केट करेक्शन के दौरान शेयर को खरीदना जोखिमपूर्व हो सकता है, इसलिए शेयर खरीदने से पहले मार्केट ट्रेंड का पता लगाना चाहिए। इसे इंडेक्स में पता करना चाहिए जैसे nifty 50, bank nifty, sensex etc
अगर मार्केट ट्रेंड देखे बिना आपने कोई शेयर्स खरीद लिए है तो इसे बेचने की जगह उनपर कड़ी नजर रखना ज्यादा महत्वपूर्ण होगा। नही तो बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
Share kab karide इस consept को समझने से पहले स्टॉक मार्केट चार्ट को कैसे पढ़ा जाता है इसे समझना जरूरी है।
कुछ treders मार्केट चार्ट को बिना एनालिसिस किए ही शेयर खरीदते है जिससे लॉस होने के chances बढ़ जाते है। आप ऐसी गलती न करते हुए चार्ट को एनालिसिस जरूर करे।
इसके लिए आपको थोड़ी मेहनत, trening, practise, और शेयर मार्केट में एक्सपीरियंस की जरूरत पड़ेगी। जब एक्सपीरियंस हो जायेगा तो आप खुद चार्ट पढ़कर शेयर को सही टाइम पर खरीद और बेच पायेंगे और अपना प्रॉफिट बढ़ सकेंगे। अगर कोई शेयर आपके चार्ट एनालिसिस के मुताबिक सही नही जा रहा है तो चार्ट आपको indicate कर देगा कि कब आपको exit करना हैं।
उदाहरण के तौर पर मेडिकल शास्त्र में कोई भी डॉक्टर की व्यक्ति की शारीरिक जांच करने के लिए इमेजेस का सहारा लेते है जैसे एमआरआई, अल्ट्रा सोनोग्राफी, ईसीजी, एक्सरे। इन जांच के हिसाब से डॉक्टर हमे दवाई देते है जिससे हम अच्छा महसूस करते है।
ठीक इसी तरह treding और investing की दुनिया मे स्टॉक को कब buy और sell करे इसके लिए ट्रेडिंग चार्ट मदद करते है। चार्ट से किसी भी शेयर को सही समय पर entry और exit करना आसान हो जायेगा।
मान लीजिए कोई एक कंपनी है, जो अधिक मजबूत है, जो अच्छे पोजीशन में है। लेकिन चार्ट एनालिसिस बता रहा की अब स्टॉक डाउन ट्रेंड में आ गया है तो क्या आप उसे खरीदना चाहेंगे?
अगर आपको किसी निश्चित स्थान पर जाना चाहते है लेकिन कोई एक train उसके विपरित दिशा में जा रही है तो क्या आप उसपर जाना पसंद करेंगे। अगर आपकी ट्रेन चूक गई तो आपको wait करना होगा। ऐसा नहीं की आप जल्दी जाने के चक्कर में उचित train छूट जाने पर कोई गलत ट्रेन में बैठ जाए। यही बात स्टॉक मार्केट में भी लागू होती है।
इसलिए ये टेक्निकल एनालिसिस शेयर खरीदने से पहले करनी चाहिए। इससे हमे अंदाजा आ जाता है की यहां से शेयर ऊपर जायेगी या नीचे। इसके लिए भले ही wait करना पड़ जाए, पर गलत समय पर स्टॉक नही खरीदना चाहिए।
कई stock treder कहते है की मुझे चार्ट को एनालिसिस करना नही आता क्या करे? चार्ट एनालिसिस करना मुश्किल नहीं है। बस इसे समय देना और अपने से practice की जरूरत है। जब मैं शेयर मार्केट में नया था तो मुझे भी चार्ट पढ़ना नही आता था लेकिन स्टडी और प्रैक्टिस से धीरे धीरे सब आसान हो गया।
4. पी ई रेश्यो (PE RETIO) को देखकर : (share kab kharide)
कोई भी शेयर सस्ता है या महंगा इसे जानने के लिए PE RETIO इस टूल का उपयोग किया जाता है। अगर ज्यादा प्रॉफिट earn करना है तो जिस शेयर का पी ई रेश्यो कम होता है उसे खरीदना चाहिए। आमतौर पर 1 से 15 के बीच का PE RETIO वाला स्टॉक खरीदना ज्यादा बेहतर रहता है। इसलिए आपको उस शेयर का चुनाव करना है जिसका PE RETIO कम हो। जब आप pe retio के अनुसार स्टॉक का चयन करते है तो आपको इससे रिलेटेड एक बात जानना जरूरी है। ज्यादातर जो largecap (strong) शेयर होते है उनका PE RETIO ज्यादा होने के बावजूद उस शेयर में अच्छा ग्रोथ देखने को मिलता है। इससे हमे ये समझ में आता है की लार्जकैप स्टॉक के लिए pe retio कोई मायने नहीं रखता। मतलब ये की जब किसी शेयर का पी ई रेश्यो के आधार पर शेयर का चयन कर रहे है तो वह शेयर स्मॉल कैप,मिडकैप है या लार्जकैप है ये भी देख लेना चाहिए।
अब जानते है PE RETIO कैसे निकाला जाता है।
किसी कंपनी के profit को उसके शेयर्स की संख्या से भाग देने पर ईपीएस यानी earning per share निकलता है। इसके बाद उस शेयर के प्राइस में ईपीएस को भाग देने से उस शेयर का PE RETIO nikalta हैं। लेकिन आपको इतना math करने की जरूरत नही क्यों की हमे कई फाइनेंशियल साइट्स हर शेयर पर रेडीमेड pe retio मिल जाता है।
5. Company का क्वार्टरली रिजल्ट देख कर : (share kab kharide)
जब कोई company अच्छा प्रॉफिट करती है तब उस शेयर का प्राइस बढ़ने लगता है। ये एक सिम्पल सा logic हैं, क्यों की जब कोई कंपनी प्रॉफिट नही करेगी तो लोग उसमे इन्वेस्ट क्यू करेंगे? बड़े इन्वेस्टर्स जो शेयर की moovment की ताकत रखते है, वह कंपनी का प्रोफिट देखना कभी नहीं भूलते। इसके लिए आप https://www.moneycontrol.com/ इस साइट पर विजिट कर सकते है।
प्रॉफिट से ही पता चलता है कि कंपनी grow कर रही है।अगर गलती से लॉस मेकिंग कंपनी के शेयर खरीद लिए तो वह अपने साथ आपका भी लॉस करवाएगी। जब हम किसी कंपनी के शेयर लॉग के लिए लेते है तो आप उस कंपनी के शेयर्स के हिसाब से कुछ अंश तक भागीदार बन जाते है। कंपनी प्रॉफिट मेकिंग होगी तो प्रॉफिट करवाएगी, और लॉस मेकिंग होगी तो लॉस करवाएगी। Yearly profit देखने से better क्वाटरली profit देखना होता है,क्यों की इससे हमे लेटेस्ट रिजल्ट मिलता है। कंपनी ने पिछले ईयर तो प्रॉफिट किया था लेकिन क्या अब कर रही है या नही।
अगर वह कंपनी ईयरली profit growth बढ़ा रही है तो और भी अच्छा कहा जायेगा। कंपनी का प्रॉफिट देखना फंडामेंटल एनालिसिस में आता है,जो जरूरी है।
अच्छा इन्वेस्टर वही होता है को फंडामेंटल एनालिसिस करके शेयर खरीदने के बारे में सोचता है। एक अच्छा निवेशक सिर्फ चार्ट पढ़कर इन्वेस्ट नही करता बल्कि वह कंपनी के बारे में छोटा मोटा रिसर्च करके ही अंतिम निर्णय पर पहुंचा है की शेयर को खरीदे या नही।
क्वार्टरली प्रॉफिट की तरह हर कंपनी हर साल एनुअल रिपोर्ट भी पेश करती है, आप चाहे तो उसे भी जान सकते है। जिसमे quiterly प्रॉफिट के साथ साथ us कंपनी ने बीते साल क्या क्या किया और आनेवाले साल में कंपनी के क्या planning हैं ये भी जान सकते है। वैसे annual report काफी बड़ी होती है लेकिन आपको उसमे main points ही जानने चाहिए।
6.सपोर्ट रेसिस्टेंट देखकर :(share kab kharide)
सपोर्ट रेसिस्टेंट देखना ये टेक्निकल एनालिसिस में आता है। जिस शेयर को खरीदना चाहते है उसका टेक्निकल चार्ट हमे बताता है की वह शेयर ग्रोथ करेगा या नही। लेकिन इसे पढ़ने के लिए अभ्यास की जरूरत होती है। अगर आप मार्केट में ट्रेडिंग करके पांच छे महीने बिताए है तो अपने आप ही चार्ट इनालिसिस में एक्सपर्ट हो जायेंगे। सपोर्ट रेसिस्टेंट के बेसिस पर शेयर खरीदना भी बड़ी होशियारी का काम होता है। क्यों को कई बार इंडिकेटर्स गलत भी साबित होते है। उन्हे अपने खुदसे समझना होगा की ये सही बता रहा है या नही। सुनार जैसे खरे सोने को परख लेता है, ठीक वैसे ही एक एक्सपर्ट ट्रेडर चार्ट से जान लेता है की इस शेयर का प्राइस ऊपर जायेगा या नीचे।
अगर हमे लॉन्ग टर्म में इन्वेस्ट नही करना है। बल्कि कुछ समय के लिए ट्रेडिंग करनी है तो हमको इसी सपोर्ट रेसिस्टेंट से पता करना होता है को शेयर कब खरीदे?चलिये सपोर्ट रेसिस्टेंट से जानते है कि किसी शेयर को कब खरीदे?
- Support : support क्या होता है? जब कोई शेयर ऊपर से नीचे को moov करता है तो वह सीधे नीचे नहीं आता। वह ऊपर नीचे, ऊपर नीचे कर करके नीचे आता है। नीचे आते आते एक जगह से फ़िर से ऊपर की तरफ moov करता है। जहा से यह ऊपर की तरफ जाने लगता है उसे ही support (आधार) कहते है। टाइमफ्रेम के हिसाब से support भी अलग होते है। जैसे 15 मिनिट के टाइमफ्रैम में support अलग होंगें। और 1 दिन के timeframe में सपोर्ट अलग होंगे।
- Resistance : resistance क्या है? जब कोई शेयर नीचे से ऊपर को moov करता है तो वह सीधे ऊपर नहीं जाता। वह नीचे ऊपर, नीचे ऊपर कर करके ऊपर जाता है। ऊपर जाते जाते एक जगह से फ़िर से नीचे की तरफ moov करता है। जहा से यह नीचे की तरफ जाने लगता है उसे ही Resistance (प्रतिरोध) कहते है। टाइमफ्रेम के हिसाब से Resistance भी अलग होते है। जैसे 15 मिनिट के टाइमफ्रैम में Resistance अलग होंगें, और 1 दिन के timeframe में Resistance अलग होंगे।
7. किसी कंपनी का आईपीओ आने पर : (share kab kharide)
- क्वॉलिटी फार्मासिटकल्स लिमिटेड 2016 को जब शेयर मार्केट में लिस्टेड हुई थी तक उसका प्राइस सिर्फ 23.75 पैसे थी, इसके बाद कंपनी की अच्छी growth हुई और साल 2021 में इसका प्राइस 1050 हो गया इसको listing gain भी कहा जाता है। यानी सिर्फ 5 सालों में इस कंपनी का प्राइस 44 गुना बढ़ गया। अगर आपने उस कंपनी के शेयर में ₹100000 लगाए होते तो 5 सालों में आपके पास चोरी ₹4400000 होते। ऐसे कई उदाहरण दिए जा सकते है। लेकिन आईपीओ में पैसे लगाने से पहले उस कंपनी का क्या बिजनेस मॉडल है उसकी भविष्य की योजनाएं क्या है इसे जानना जरूरी है?
यह ध्यान देने वाली बात ये है की मार्केट में लिस्ट होने वाली हर कंपनी इस तरह का प्रॉफिट नहीं देती। आईपीओ लाने वाली ऐसी कई कंपनियां भी होती है जिससे इन्वेस्टर का वेल्थ बढने की जगह घट जाता है। आईपीओ में न्यू लिस्टेड कंपनी की पूरी छानबीन करने के बाद ही आईपीओ लिस्टेड कंपनी के शेयर्स को खरीदे।
अक्सर देखा गया है कि जब सेंसेक्स और निफ्टी uptrend में होते हैं तब ही कोई कंपनी आईपीओ लाती है। क्यों की लिस्टेड कंपनी में लोग ज्यादा से ज्यादा इन्वेस्ट करे। डाउनट्रेंड में ज्यादातर कोई कंपनी अपना आईपीओ नही लाती। इसलिए जब भी इन्वेस्ट करना हो सोच समझकर और जिम्मेदारी से करे।
7. ट्रेंड की पहचान करके: (share kab kharide)
जब share market में ज्यादातर स्टॉक में ग्रोथ हो रही होती है तो उसे uptrend या bullish market कहते है। ठीक इसके विपरित जब स्टॉक मार्केट में ज्यादा तर शेयर्स गिर रहे होते है तो उसे down trend या bearish market कहते है।
शेयर मार्केट में पैसा कमाने के लिए मैने कई सारे पॉइंट्स बताए है जिसे अपनाकर आप भी सही समय पर शेयर को खरीद कर बड़ा पैसा बना सकते है। अब मैं आपको शेयर मार्केट से ज्यादातर पैसे कौन बनता है। नीचे मैने कुछ topics दिए है जिन्हे बड़े इन्वेस्टर्स अपनाते है और हमेशा बड़ा प्रॉफिट earn करते है।
- जो मार्केट के क्रैश होने का फायदा उठाते है, और सही वक्त पर शेयर को buy करते है।
- जो फंडामेंटल एनालिसिस करते हैं जिसमे कैश फ्लो, प्रॉफिट ग्रोथ, कंपनी की योजनाएं, कंपनी का मैनेजमेंट, कंपनी का कंपीटीटर और उस कंपनी में ऐसा खास क्या है जो उस सेक्टर की कंपनी से उसे अलग बनाती है। इन सारी बातों को देखते है फिर शेयर खरीदने की सोचते है।
- जो टेक्निकल एनालिसिस देखकर शेयर को sell और buy करते हैं।
- जो उस समय शेयर को खरीदता है जब ज्यादातर लोग बेचने लगते है। वह उस समय खरीदते है जब बहुत ज्यादा मार्केट नीचे गिर चुकी होती है और जहा से uptrend के संकेत मिल रहे हो।
- वह एनालिसिस से पता कर लेते है कि मार्केट कब रिकवर हो सकती है, उसी समय वह लोग निवेश करते है।
- जो मार्केट न्यूज पर ध्यान रखते हैं। जिस किसी शेयर के बारे में शेयर मार्केट में अच्छी न्यूज़ आती है तो उसने उसका वह फायदा उठाते हैं और उस शेयर को खरीदते हैं। क्यों की किसी शेयर का प्राइस गिरने में और बढ़ने में उस शेयर से रिलेटेड न्यूज़ का बहुत बड़ा हाथ होता है।
8. USA की मार्केट पर नजर रखकर: (share kab kharide)
- आप शेयर खरीदकर कितने समय तक hold करके रखना चाहते है।
- आप किस सेक्टर से जुड़ा स्टॉक खरीदना चाहते है।
- आप कितना जोखिम उठाना चाहते है।
- आप किस statagies पर विश्वास करते है।
- आपकी शेयर खरीदने से लेकर क्या सोच है।
Bada profit karne ke liye share kab kharidna chahiye? Meri khud ki ray
- जब भी आप मार्केट में ट्रेडिंग करते है तो इमोशन्स के अधीन होकर कोई निर्णय ना ले, जो आपको लॉस ही करवाता है।
- किसी के कहने सुनने पर शेयर ना खरीदे।
- शेयर खरीदने से लेकर कोई paid service ज्वॉइन ना करे, क्यों को ज्यादातर paid services फेंक सिग्नल देती है जिससे लॉस के चांसेस बढ़ जाते है।
- शुरुआती दौर में शेयर मार्केट से कमाने से ज्यादा सीखने पर जोर दे। क्यों की सीखेंगे तो आगे चलकर ट्रेडिंग भी करेंगे,लेकिन बिन सीखे ट्रेडिंग आप नुकसान कराएगी।
- शुरुआत में कम पैसे लगाकर ट्रेडिंग करे।
- जब पूरी कर सिख जाए तो धीरे धीरे इन्वेस्ट बढ़ते जाए।
- ट्रेडिंग से लेकर कोई भी डिसीजन सोच समझकर ले।
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