शेयर मार्क का चार्ट कैसे समझे? how to understand share market chart?
शेयर मार्केट का चार्ट कैसे देखते है? How to read the chart of share market/शेयर मार्केट चार्ट कैसे पढ़े/ चार्ट एनालिसिस करने का तरीका क्या है?/ शेयर बाजार का चार्ट रीडिंग कैसे करे/ प्रॉफिट बनाने के लिए शेयर मार्केट चार्ट कैसे पढ़ते है/ स्टॉक मार्केट चार्ट विश्लेषण इन हिंदी चार्ट एनालिसिस करने का तरीका इन हिंदी /शेयर मार्क चार्ट को कैसे समझे?
शेयर बाजार में कुछ अच्छा करना है तो हर ट्रेडर्स को चार्ट को पढ़ना, और समझना आना चाहिए। अधिकतर नए निवेशक शेयर मार्केट का चार्ट कैसे समझे और कैसे पढ़े ये जानते ही नही है। चार्ट रीडिंग की बेहतर तकनीक के लिए ये पोस्ट आपकी सहायक हो सकती है।
प्रॉफिट बनाने के लिए निफ्टी और बैंक निफ्टी के चार्ट को किस तरह देखा जाना चाहिए। ये जरूरी consept को आज इस पोस्ट मे बतानेवाला हूं। हमेशा लोग चार्ट को गलत ढंग से देखते है। इसे अच्छे से जानने के बाद आपका ट्रेडिंग का सफर प्रॉफिट की पटरी पर आ जाएगा।
लोग बिना चार्ट को read किए, चार्ट क्या कहता है ये जाने बिना लोग ट्रेडिंग किए जाते है। जो प्रोफेशनल ट्रेडर होते है वह सही ट्रेड लेने के लिए wait करते है। यही कारण है की वह प्रॉफिट ही कमाते है। जो लोग शेयर मार्केट में wait करते नही वह गलत मानसिकता के शिकार होते है। उन्हे चार्ट की भाषा समझ नहीं आती, सही गलत की पहचान नहीं कर पाते, इसलिए वह लॉस करते है।
लोग सब्जी मंडी में सब्जियां लेने के लिए कई जगह फिरते है, उनसे 5 रुपए के लिए तकझक करते है। वही पर हजारों रुपए के शेयर खरीदते समय ठीकठाक से चार्ट नहीं देखते। क्या ये सब सही है। एक छोटासा गलत फैसला आपका नुकसान करा सकता है। इसीलिए चार्ट को बारीकी से देखना बहुत जरूरी है।
शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने वाले जो ट्रेडर्स है उन्हे चार्ट पढ़ना और चार्ट की अच्छी समझ होना आवश्यक है। इसके बगैर शेयर्स खरीदना और बिकना सिर्फ नुकसान करनेवाला हो सकता है। ये ठीक वैसा ही होगा जैसा की अंधेरे में तीरंदाजी करना। या फिर बिना युद्धकला जाने युद्ध में निपुण योद्धा से लड़ाई करना।
ट्रेडर बनने के लिए चार्ट रीडिंग में एक्सर्ट बनना पड़ता है। तभी हम ट्रेडिंग में पैसा कमा पाएंगे। मुझे आशा है की आप इस पोस्ट को पढ़ने के बाद चार्ट कैसे पढ़ा जाता है इसे जान लेंगे।
पोर्टफोलियो को प्रॉफिटेबल रखने के लिए हर निवेशक को शेयर मार्किट चार्ट एनालिसिस को बेहतर ढंग से आना चाहिए। चार्ट एनालिसिस ये टेक्निकल एनालिसिस का ही भाग है। इनकी कई सारे बातें होती है जो टेक्निकल एनालिसिस का भाग होती है।
जो टेक्निकल बातें होती है उन्हे समझने में थोड़ी मुश्किल जरूर हो सकती है। लेकिन जब एक बार इसे सिख लिया तो ट्रेडिंग करना आसान हो जाएगा। इसीलिए जब तक इसे सीखोगे नहीं तब तक प्रॉफिटेबल ट्रेडिंग नहीं कर पाएंगे।
शेयर मार्किट में चार्ट किसे कहा जाता है?
शेयर बाजार में किमतो में होने वाले चढ़ उतार को जानने के लिए ये एक टेक्निकल ग्राफ होता है। जिसकी मदद से ट्रेडर्स को उचित ट्रेड लेने में मदद मिलती है। इसी चार्ट्स को पढ़कर हमे high, low, open, close की कीमतों का पता लगता है।
इसमें हम इंडिकेटर्स का उपयोग भी कर सकते है उसकी manually setting भी कर सकते है। ये संकेतक हमे सिग्नल देते है की कहा buy करना है और कहा selling करनी है। चार्ट पढ़ने का यही उद्देश होता है की सही समय पर ट्रेड लेकर मुनाफा कमाया जाए।
इस टेक्निकल ग्राफ में अलग अलग रहा से चार्ट बनाया जाता है जिसमे मुख्यतः लाइन चार्ट, कैंडल स्टिक चार्ट और बार चार्ट होता है हम इसकी थोड़ी सी जानकारी बता देते है।
शेयर मार्केट में Tecnical analysis के चार्ट कितने तरह के होते है?
- 1. लाइन चार्ट( रेखा चार्ट): जब हम किसी भी 📉 ग्राफ के बारे में सोचते है हमारे सामने सबसे पहले लाइन चार्ट ही आता है। इसमें ऊपर नीचे करती हुई लाइन होती है जिससे हमे प्राइस और वॉल्यूम का पता चलता है। ये एक तरह की सबसे simple chart कहा जा सकता हैं।
- 2. कैंडलस्टिक चार्ट : इस चार्ट में सबसे ज्यादा जानकारी मिलती है इसलिए कैंडलस्टिक चार्ट ट्रेडर्स के बीच सबसे ज्यादा पॉपुलर है। इसमें टाइमफ्रेम के अनुसार कैंडल बनती है। जैसे अगर आप पाच मिनिट का टाइमफ्रेम का उपयोग करते है तो प्रत्येक कैंडल पाच मिनिट्स की बनेगी। इससे पता का जायेगा की पिछले पाच मिनिट में प्राइस कितना नीचे गया था। कितना ऊपर आया था। वही पर पाच मिनिट का कैंडलेकिस प्राइस से शुरू हुआ था और कब खत्म हुआ। ये सारी जानकारी के आधार पर उस पाच मिनिट में शेयर या इंडिसेस का प्राइस कितना volatile था ये भी पता चल जाता है। इतना सब पता होने के कारण हम ट्रेडिंग निर्णय लेने में बहुत आसान हो जाता है। इसलिए अधिकतर लोग कैंडल स्टिक का उपयोग करते है। कैंडल चार्ट हरी और लाल कैंडल्स से बना होता है। अगर हरी कैंडल के बाद दूसरी हरी कैंडल पिछली कैंडल के क्लोज को ब्रेक करती है तो बुलिश सिग्नल बनता है। ठीक वैसे ही लाल कैंडल से बेयरिश सिग्नल बनता है
- 3. बार चार्ट : ये चार्ट वर्टिकल (खड़ी) रूप में एक साथ मिलकर बना होता है। इस बार चार्ट में लाइन चार्ट से ज्यादा जानकारी होती है। इसमें हर दंडवत रेखाओं के ऊपर रेखा होती है, जिससे क्लोज प्राइस और ओपन प्राइस का पता चलता है। लंबावत रेखा का सबसे ऊपर का हिस्सा highest price दिखाता है। निचला हिस्सा lowest price को दर्शाता है।
चार्ट का उपयोग कहा कहा किया जाता है ?
चार्ट एनालिसिस का उपयोग कई अलग अलग मार्केट में किया जाता है, जैसे शेयर बाजार, क्रिप्टो करेंसी, डेरिवेटिव, कमोडिटी मार्केट, और forex में भी कर सकते है। सारे निवेशक टेक्निकल एनालिसिस की आधार पर successfully treding कर पाते है।
आप भले किसी भी मार्केट में ट्रेड कर रहे होंगे। हर मार्केट में चार्ट के आधार पर ही कोई भी ट्रेडर प्रॉफिट कमाकर करोड़पति या अमीर बना है या बन सकता है। चार्ट के सिवा कोई ट्रेडर अपनी रणनीति नहीं बना सकता और उसपर अमल नहीं कर सकता। ट्रेडर्स अगर योद्धा है तो चार्ट में एक्सपर्ट होना उसकी युद्धकला हो सकती है। जो उसे जितने मे सहायक होती है।
दुनिया की हर मार्केट टेक्निकल एनालिसिस पर टिकी हुई है। हर व्यापारी चार्ट का आधार लेकर किसी भी मार्केट में मुनाफे के लिए पैसा लगता है। अगर वह चार्ट को समझने में एक्सपर्ट है तो आसानी के साथ प्रॉफिट कमा लेता है। लेकिन उसको इसकी अच्छी जानकारी नहीं है तो बहुत ज्यादा चांस होता है की वह लॉस कर जाए। शायद आपको आश्चर्य होगा की लोग सोना ( गोल्ड) खरीदने के लिए भी टेक्निकल ग्राफ का आधार लेते है।
शेयर मार्केट चार्ट रीडिंग करने के क्या फायदे है?
चाहे हम ट्रेडिंग करे या इन्वेस्टिंग दोनो के लिए चार्ट को समझना और एनालिसिस करना सबको सिख लेना आवश्यक है। इसके कई सारे फायदे होते है। जैसे...
- Support और resistance का स्तर कहा है? किस लेवल पर Support और resistance बन रहा है ये पता चल जाता है।
- लाइव में कौनसा trend चल रहा है ये पता चल जाता है।
- चार्ट पैटर्न की जानकारी मिलती है।
- कौनसा इंडिकेटर क्या signal दे रहा है इसकी जानकारी मिलती है।
- बाजार की कीमतों में तेजी मंदी को देखकर ट्रेंड धीमा चल रहा है या तेज ये पता लग जाता है।
- ट्रेडिंग सिग्नल ढूंढने में मदद मिलती है।
शेयर मार्क चार्ट कैसे समझे? चार्ट पढ़ने का सही तरीका
चार्ट को समझने से पहले मार्केट को भी समझना पड़ेगा। ट्रेडिंग सीजन में लगातार खरीदना और बेचना चालू रहता है। जहा किसी को buying apportunity दिखती है तो किसको वही पर selling aportunity नजर आती है। लेकिन आपको सही समय सही मौका ढूंढकर उससे प्रॉफिट बनना है।
एक ही समय में सेम शेयर लेकर कोई पोजिशन बनाकर बैठा रहता है तो कोई sell करने की सोचता है। कोई उसी शेयर में अच्छे मौके का wait करता है की कब खरीदा जाए। ये सब एक ही समय में चलता रहता है।
क्या आप जानते है जो चार्ट आप देख रहे है, एक्सपर्ट लोग भी देख रहे होंगे। उसीको buyers और sellers भी देखते है। लेकिन सेम वही chart pattern देखकर कोई buy करता है तो कोई sell करता है।
अगर कोई buy कर रहा होगा तो जाहिर है की उसे लगता होगा की प्राइस ऊपर जायेगा। इसी तरह से कोई ट्रेडर सेल करता होगा तो उसे लगता होगा की प्राइस नीचे आयेगा। इनमें से कोई ना कोई तो गलत होगा। जो ट्रेडर गलत हुआ उसका चार्ट को देखने का तरीका ही गलत हुआ ऐसा समझा जा सकता हैं।
आपकी analysis तब तक ठीक नही हो सकती जब तक चार्ट आपसे बातें नही करता। चार्ट खुद बताता है की भाई, मैं क्या बता रहा हूं उसे समझो और उचित निर्णय लो। इसके लिए चार्ट की भाषा समझनी होगी, उसे deeply समझिए। कुछ अपना दिमाग भी लगाइए। जिस तरह छोटा शिशु बोलता तो नहीं है पर मां उसे क्या चाहिए, वह क्या कहना चाह रहा है, ये सब समझ जाती है। उसी प्रकार आप भी चार्ट की भाषा को जानिए, फिर देखना प्रॉफिट कैसे नहीं होता।
यहां चार्ट को एनालिसिस कैसे किया जाता है उसे जानने से पूर्व आपको उससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट्स पर नजर डालते है। जिन्हे बताना मैं आवश्यक समझता हूं।
शेयर मार्क चार्ट कैसे समझे ? जरूरी सीक्रेट्स पॉइंट्स
1. माइंड सेट :
यहां पर ट्रेडिंग में साइकोलॉजी ही काम करती है। आप लोगों को तो पता ही होगा कि एक ही (subject) विषय पर लोगों का अलग अलग विचार होते है। ठीक वैसे ही एक ही चार्ट को देखकर लोगों के अलग अलग विचार हो जाते है।
2. निगेटिव फिलिंग्स
जो negative fillings वाला आदमी होता है उसे कही कोई apportunity नजर ही नही आती। लेकिन positive fillings वाले आदमी को जहा apportunity नहीं होती वहा भी उसे गोल्डन चांस ढूंढ लेता है। ये बात तो आपको माननी ही पड़ेगी। इसलिए ट्रेडिंग करते समय माइंड को positive thinking में रखना आवश्यक है।
मान लीजिए टेबल पर शराब की बोतल रखा दी। वहा पर एक एक को उसके बारे में दो lines लिखने को कहे। जो शराबी होगा वह उसे बहुत अच्छी चीज कहके बताएगा। पर जो शराबी नही है वह उसे दुनिया की सबसे गंदी चीज कह सकता है। इसलिए देखने का अपना नजरिया ठीक होना चाहिए।
शायद आपने ट्रेडिंग के दौरान खुद महसूस किया होगा की जिस दिन हम negative fillings दिमाग में लेकर ट्रेडिंग करते है तो आखिरकार हमे लॉस का ही सामना करना पड़ता है। जिस दिन mood अच्छा होता है उस दिन प्रॉफिट हो जाता है।
ऊपर बताई गई बातों से ये साबित होता है की ट्रेडिंग में आपका mindset और अपना नजरिया बहुत हद तक काम करता है। लेकिन यह हम सिर्फ चार्ट देखने का सही तरीका जानने वाले है।
मूड की बात सामने आई है तो मैं ये भी बताना जरूरी समझता हूं की जो intraday ट्रेडर है उसका किसी शेयर के प्रति mood हमेशा बदलता रहता है। जो ट्रेडर अभी अभी उसे खरीदने की बात कर रहा होता है वही अगले एक दो मिनिट्स में सेल करने लगता है। ये सब मार्केट के मूवमेंट पर आधारित होता है। ये हर ट्रेडर के साथ होता है, जो की सामान्य बात है।
शेयर मार्क चार्ट कैसे समझे? Share market chart kaise samjhe?
शेयर मार्केट चार्ट को कैसे समझे, इस के लिए पहले चार्ट टाइमफ्रेम, सपोर्ट रेसिस्टेंस, प्राइस मूवमेंट, इंडिकेटर्स, ट्रेंड लाइन, स्टॉक या इंडिकेटर सिंबल, वॉल्यूम और ट्रेड को समझना होता है। इसमें हर एक चीज बहुत इंपोर्टेंट होती है। प्रत्येक का अपना अपना महत्व है।
चार्ट देखने के लिए प्लेटफार्म :
शेयर मार्केट का चार्ट पढ़ने और समझने के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है एक ऐसा प्लेटफार्म जहा पर आप चार्ट को read कर सके। चार्ट हमारे पास होगा तो हम उसपर स्टडी करके, अपने हिसाब से उसमे चेंजेस करके उसे बेहतर ढंग से समझ सकते है।
इसके लिए tradingview आपके लिए सहायक होगा। अधिकतर लोग इसी प्लेटफार्म का उपयोग करते है इसलिए में आपको भी इसी से चार्ट रीडिंग के लिए चुन सकते है। इसमें बहुत सारे इंडिकेटर्स मिल जाते है। जिससे चार्ट रीडिंग आसान हो जाता है। इसके इस्तेमाल से शेयर मार्क में चार्ट रीडिंग करने का आसान तरीका बनाया जाता है। जिसे अपने पसंद के अनुसार उन्हें अप्लाई कर के अपनी खुद की स्ट्रेटजी बनाई जा सकेगी।
चार्ट रीडिंग करने के लिए सिंपली आपको ट्रेडिंग व्यू ऐप को इंस्टॉल करना होगा। ऐप को ओपन करने के बाद उसमे चार्ट को candlestick में कन्वर्ट करे या फिर अपने हिसाब से बार चार्ट या लाइन चार्ट को सेलेक्ट कर सकते है।
जैसा की मैने बताया है की Treding view में आपको कई तरह के फीचर्स मिल जाते है। जिससे कोई भी चार्ट एनालिसिस कर सकता है। चार्ट देखने का सही तरीका समझने के लिए आपको खुद इसमें लाइव मार्केट में चार्ट को पढ़ना और समझना चाहिए। ये प्रैक्टिस आपको बहुत हद तक एक्सपर्ट बना सकती है।
कैंडल स्टिक को समझना :
चार्ट रीडिंग में सबसे ज्यादा सहायक कैंडल स्टिक चार्ट होता है। जब तक हम कैंडल्स को समझते नही, तब तक अच्छे से चार्ट को नही समझ सकते। चार्ट को सबसे ज्यादा सटीक तरह से समझने के लिए पहले कैंडल्स को जानते है। क्यों की इसमें सबसे ज्यादा इंफॉर्मेशन मिलती है।
कैंडल्स timeframe के अनुसार होती है। गत कैंडल की जानकारी के अनुसार ट्रेडर्स ट्रेड लिया जाए या नहीं इसे तय करते है। कैंडल्स timeframe के अनुसार होती है। छोटी छोटी कैंडल्स को मिलकर ही चार्ट बनता है।
मान लीजिए आप पाच मिनिट के टाइमफ्रैंम में चार्ट देख रहे है तो उसमे हर कैंडल पाच मिनिट्स की होगी। चार्ट पर बनी हुई प्रत्येक कैंडल उस पाच मिनिट्स के अंदर ओपन, हाई, लो और क्लोज की जानकारी प्रदान करती है। Candle stick दो तरह होते है जैसे बुलीश और बेयरिश कैंडल्स। जो हरे रंग में होती है उसे bulish candles कहते है। जो लाल कलर की कैंडल्स होती है उसे बेयरिश कैंडल्स होती है।
Candlestick pattern :
ट्रेडिंग के दौरान चार्ट को पढ़ने और समझने के लिए कैंडल स्टीक पैटर्न को समझना जरूरी है। इसे जानने के बाद चार्ट रीडिंग और सही ट्रेड लेने में आसानी हो जायेगी। यह दो तरह के होते है, जैसे single candlestick pattern और multiple candlestick pattern।
इनका उपयोग करके हम एंट्री, एग्जिट, स्टॉपलॉस और टारगेट कहा लगाना है ये तय कर सकते है।
मेजर रिवर्सल पैटर्न
यहां तक आपने चार्ट रीड करना समझ लिया। अब इसी तरह चार्ट के अलग अलग time frame में मेजर रिवर्सल को जानना चाहिए। इसके कुछ प्रमुख पैटर्न बनते है जैसे,
- शोल्डर पैटर्न
- डबल टॉप पैटर्न
- डबल बॉटम पैटर्न
- हेड एंड शोल्डर पैटर्न
- इनवर्स हेड एंड शोल्डर पैटर्न
इस प्रकार कई पैटर्न शेयर मार्केट में चार्ट रीडिंग के लिए उपयोग में आते है। कब क्या पैटर्न बन रहा है, और आगे क्या हो सकता है, इस पर अनुमान लगाया जाता है।
शेयर मार्क चार्ट कैसे समझे ? हिंदी में
आपने जो प्लेटफार्म चुना है उसमे chart type सेलेक्ट करे। फिर अपनी ट्रेडिंग करने के लिए जो टाइमफ्रेम आपको सही लगता है उसे सेलेक्ट करें। इसके बाद अपनी चुनी हुई स्ट्रेटजी के अनुसार दो या तीन इंडिकेटर्स को अप्लाई करे। अगर सेटिंग करनी जरूरी है तो सेटिंग भी कर सकते है।
मान लीजिए आप ऑप्शन ट्रेडिंग या इंट्रा डे ट्रेडिंग कर रहे है तो आपको जरूरी होगा की आप पाच या 15 मिनिट्स का टाइम फ्रेम use करे। लेकिन इससे पहले हमे डे टाइमफ्रेम और 2 hour टाइम फ्रेम का उपयोग करना चाहिए। ये इसलिए की हमे पता चल जाए की उन समयसीमा में कौनसा ट्रेंड चल रहा है।
इससे हमे कोई भी ट्रेड लेने में आसानी होगी। एक तरह का मोटामोटी अंदाज लग जाता है की मार्केट की लॉन्ग टर्म में कौनसा ट्रेंड एक्टिव है।
जब इस तरह से आप कन्फर्म हो जाए तो आप पाच या पंद्रह मिनिट्स का टाइम फ्रेम को अप्लाई कर सकेंगे।
इसे जानने के बाद आपको ट्रेड लेने से पहले और भी कुछ पॉइंट्स होते है जिन्हे जानकर ट्रेडिंग में सफलता पूर्वक प्रॉफिट बना पाएंगे।
- पिछले दिन का मार्केट का मूवमेंट कैसा रहा।
- पिछले दिन के आखिर में मार्केट का moovment कैसा रहा।
- किस प्राइस रेंज पर सvपोर्ट या रेसिस्टेंस बने है।
- प्राइस एक्शन कैसे काम कर रहा है?
- स्ट्रेटजी की गतिविधि कैसी है?
जब हम चार्ट पर नजर डालते है, तो जहा पर भी शेयर का प्राइस है वह यह से किस दिशा में जा सकता है। इसका ठोस अनुमान करते आना चाहिए। एक ट्रेडर को चार्ट पढ़ते समय buyer या seller की हैसियत से नहीं देखना चाहिए। बल्कि न्यूट्रल होकर देखना जरूरी है। अगर buyer का नजरिया लेकर चार्ट देखेंगे तो आपको ज्यादातर ट्रेड buying के ही दिखेंगे। सेम इसी तरह selling के नजरिए का भी है। यहां तटस्थ वाली भूमिका आप को निभानी चाहिए।
अगर हम ऐसा नहीं करते तो buying का नजरिए वाले को जहा सेल करना था वही buy करते है। जिससे नुकसान होता है। इसलिए चार्ट देखते समय न्यूट्रल रहना सबसे बेस्ट तरीका है।
Call को buy करे या put को :
जिस समय चार्ट बता रहा है की यह से call को buy करो तब खरीद सकते है। लेकिन अगर कन्फ्यूजन है की call को buy करे या put को, तो ऐसी सिचुएशन में कोई ट्रेड नही लेना। अगर जबरदस्ती का ट्रेड लेंगे तो नुकसान कराएंगे, ये बात ध्यान में रखिए।
सपोर्ट और रेसिस्टेंस को पहचानो :
जब हम चार्ट को पढ़ते है तो उसमे सपोर्ट और रेसिस्टेंस को जरूर देखो। मान लीजिए की दो बार प्राइस resistance तक आकर फिर से नीचे गिर गई औरफीर तेजी से वही पर आई तो ऐसी स्थिति में कई लोग directly call option ले लेते है। वह ये सोचते है की तीसरी बार वह रेसिस्टेंस को जरूर तोड़ेगा। लेकिन प्राइस फिर से गिर जाता है। जिसकी वजह से इन ट्रेडर्स को लॉस हो जाता है।
निफ्टी, बैंक निफ्टी या कोई स्टॉक कहा सपोर्ट और रेजिस्टेंस ले रहा है, इस बात को समझो। अगर प्राइस सपोर्ट या रेसिस्टेंस पर आता है तो उस समय आपको खाली चुप बैठके देखते रहना है की आगे क्या होगा। जब प्राइस सपोर्ट या रेसिस्टेंस को तोड़े तो इस वक्त उचित ट्रेड लेना सही रहेगा।
इंतजार करना :
ऑप्शन ट्रेडिंग में ऐसे कई लोग होते है जो ट्रेड पर ट्रेड लिए जाते है। फिर चाहें मार्केट गिरता हो या बढ़ता हो। ओवरऑल उनका पोर्टफोलियो देखेंगे तो पूरा लॉस ही दिखाई देता है। ऐसा किसलिए हुआ होगा? कभी आपने सोचा है?
अगर आप एक ही दिन में ज्यादा ट्रेड लेते है, तो आपको ब्रोकरेज और ट्रांजेक्शन खर्चा बहुत आ जाता हैं। दूसरी बात लेने से हमारा माइंडसेट भी खराब होता है जो ट्रेडिंग में नुकसान करता है।
इसलिए बेस्ट होगा की आप जो ट्रेड स्ट्रेटजी में सही बैठता है उसे ही लेना है। अगर ऐसा ट्रेड नही मिलता तो कुछ समय wait करना आपके हित में रहता है। ट्रेडिंग के दौरान सही समय के लिए इंतजार करना सफल ट्रेडर्स को निशानी होती है। इसे कतई ignour ना करे।
लोग बिना चार्ट को read किए, चार्ट क्या कहता है ये जाने बिना लोग ट्रेडिंग किए जाते है। जो प्रोफेशनल ट्रेडर होते है वह सही ट्रेड लेने के लिए wait करते है। यही कारण है की वह प्रॉफिट ही कमाते है। जो लोग शेयर मार्केट में wait करते नही वह गलत मानसिकता के शिकार होते है। उन्हे चार्ट की भाषा समझ नहीं आती, सही गलत की पहचान नहीं कर पाते, इसलिए वह लॉस करते है।
FAQS : शेयर बाजार का चार्ट किस तरह देखते है?
यहां इस फीड में हम इस पोस्ट से जुड़े कुछ सवालों का जवाब देनेवाले है। कुछ रीडर्स के मन में पोस्ट से रिलेटेड कुछ क्वारी होती है। उन्हे इस जगह शॉर्टकट में सुलझाने की कोशिश की गई है। उनके निम्नलिखित जवाब दिए गए है।
Q. शेयर मार्केट का चार्ट देखने के लिए किस प्लेटफार्म का उपयोग करे?
Ans : शेयर मार्क में चार्ट को पढ़ने और समझने के लिए ज्यादातर लोग trading view का उपयोग करते है। मै खुद भी ट्रेडिंग के लिए इसका use करता हू। इसलिए आपको चार्ट देखने और समझने के लिए treding view का प्रयोग करना चाहिए।
Q. शेयर मार्केट का चार्ट पढ़ने के लिए कौन से पॉइंट्स जानना जरूरी है?
Ans : शेयर बाजार का चार्ट को रीडिंग करने और समझने के लिए चार्ट टाइमफ्रेम, सपोर्ट रेसिस्टेंस, प्राइस मूवमेंट, इंडिकेटर्स, ट्रेंड लाइन, स्टॉक या इंडिकेटर सिंबल, वॉल्यूम और ट्रेड को समझना जरूरी होता है।
Q. शेयर मार्क चार्ट पढ़ने से क्या फायदे होते है?
Ans : शेयर मार्क चार्ट पढ़ने और समझने के कई सारे फायदे है। जैसे
- सपोर्ट रेसिस्टेंस का पता चलता हैं।
- पिछला और लाइव ट्रेंड समझने में मदद मिलती है।
- इंडिकेटर्स के सिग्नल से कौनसा ट्रेड लेना है या नही ये निर्णय लेने में आसानी होती है।
- ओवर ऑल सही तरीके से चार्ट पढ़ने और समझने से आपका पोर्टफोलियो profitable हो सकता है।
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