म्यूचुअल फंड क्या है, म्यूचुअल फंड के फायदे और नुकसान क्या है?

जीवन पाटील
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म्यूचुअल फंड क्या है, म्यूचुअल फंड के फायदे और नुकसान क्या है?


कई लोगों के पास इन्वेस्टिंग के लिए फंड होता है, इसलिए वह म्यूचुअल फंड के फायदे और नुकसान क्या है? यह जानना चाहते है। बहुत से लोगों को इस विषय से लेकर कई question होते है, जैसे किस म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करना सही रहेगा। म्यूचुअल फंड क्या है? हिंदी में, म्यूचुअल फंड के फायदे और नुकसान क्या है? म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कैसे करे? दोस्तो, इन सारे सवालों के जवाब आपको इसी पोस्ट में मिलेंगे। mutual fund से जुड़ी सारी जानकारी आपको इसी पोस्ट में मिल जायेगी। इसलिए इस पोस्ट को शुरू से अंत तक जरूर पढ़े।



अगर इंडिया की बात करे तो इंडिया में ज्यादातर लोगों को शेयर मार्केट शेयर मार्केट क्या है और कैसे सीखे हिन्दी में, इसकी की कोई भी जानकारी नहीं होती, इसलिए उनके लिए इन्वेस्टिंग पर अच्छा रिटर्न कमाने के लिए म्यूचुअल फंड एक बढ़िया ऑप्शन होता है। लेकिन सही मायने में सबसे अच्छा म्यूचुअल फंड कैसे पता करे ये उन्हें मालूम नही होता। 

म्यूचुअल फंड क्या है, म्यूचुअल फंड के फायदे और नुकसान क्या है?


म्यूचुअल फंड क्या है?


दोस्तो, हमारे जैसे बहुत सारे निवेशक अपना पैसा म्यूचुअल फंड में लगाते है। इस तरह जितना भी फंड होता है उसे फंड मैनेजर उसे कई चुनी हुई अलग अलग अच्छी कंपनियों में इन्वेस्ट करते है। ये फंड मैनेजर निवेश के बारे में एक्सपर्ट होते है और वह सेबी द्वारा  रजिस्टर्ड होते है। इसलिए उन पर सेबी का नियंत्रण रहता है। शेयर मार्केट में पैसा लगाना सही है या नही

म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट क्यों करे? म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट क्यू करना चाहिए?


इंडिया में बहुत सारे लोग म्यूचुअल फंड्स में investment करते है। लेकिन इसके अलावा भी कई ऐसे तरीके होते है जिसमे पैसे का निवेश किया जा सकता है। फिर भी इंडिया में लोग M.F. में इन्वेस्ट क्यू करते है?, इसकी कई वजह हो सकती है। जैसे..


  1. लोगों को शेयर मार्केट की जानकारी ना होना।
  2. शेयर बाजार से लोगों को डर लगना।
  3. लोगों में रिस्क उठाने की कैपेबिलिटी ना होना।
  4. शेयर मार्केट में investing के लिए फंडामेंटल और टेक्निकल जानकारी का अभाव
  5. बिजनेस या जॉब के कारण शेयर मार्केट के लिए समय ना दे पाना।
  6. शेयर मार्केट की तरफ देखने का नजरिया गलत होना, या उसे गैंबलिंग की तरह मानना।
  7. कम जोखिम उठाते हुए अच्छे रिटर्न की चाह रखना।

इन सारी वजह से लोग शेयर मार्केट से दूर रहकर म्यूचुअल फंड में निवेश करते है। इन सारी वजह से ये money making asset इंडिया के साथ साथ दुनिया में लोकप्रिय हो गया है।


म्यूचुअल फंड में निवेश करने के फायदे और नुकसान क्या है?


सबसे पहले हम म्युचुअल फंड के फायदे के बारे में बात करेंगे। इसके बहुत से फायदे है, जिसके कारण ये  assets ज्यादा पॉपुलर हो चुका है। फायदे इसलिए बताएंगे, क्यो की जब तक आप इनके फायदों के बारे में नही जानेंगे, तब तक आप म्यूचुअल फंड में निवेश करने के बाद भी उसमे टिक कर नही रह सकता।


1. प्रोफेशनल मैनेजमेंट की सुविधा : 

देखा गया है की अधिकतर लोगों को शेयर मार्केट की अच्छी समझ, फंडामेंटल या टेक्निकल एनालिसिस की जानकारी ही नहीं होती। इसलिए वह अगर खुद से कही इन्वेस्ट करने जाते है, तो इनका नुकसान होने की ज्यादा संभावना रहती है। लेकिन जब आप  म्युचुअल फंड में निवेश करते है तो आपके फंड को फंड मैनेजर सही स्टॉक्स में इन्वेस्ट करते है। वह ऐसे शेयर्स में उन पैसों का निवेश करते है जो अलग अलग सेक्टर होते है। आपके पैसे को वह डाइवर्सिफाइड करते है। ये फंड मैनेजर एक्सपर्ट होते है, इनको मार्केट का अच्छा खासा अनुभव होता है। इसलिए आपके पैसों को सही स्टॉक्स में इन्वेस्ट करके अच्छा रिटर्न देने की कोशिश करते है। इनपर सेबी की कड़ी नजर भी होती है। इसलिए वह आपको अच्छा रिटर्न दे सकते है। इसके लिए वह आपके फंड में से 1 से 2% का expenses retio लेते है जिसके बदले में आपको प्रोफेशनल मैनेजमेंट की सुविधा मिलती है।



2. कम पूंजी में भी इन्वेस्टमेंट की सुविधा :


अगर आप सीधे स्टॉक मार्केट में निवेश करेंगे, तो आपको ज्यादा फंड की जरूरत पड़ जाती है लेकिन अगर आप म्युचुअल फंड में निवेश करते हैं तो आप बहुत कम पैसों से भी निवेश कर सकते हैं। आप चाहे तो 500, 1000, या 2000 रुपए से भी म्युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। आप चाहे तो प्रतिमाह थोड़े थोड़े अमाउंट की SIP करके भी म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते है। इन्वेस्टमेंट के लिए आपको किसी तरह का इंतजार करने की जरूरत नहीं होती। आपको जब चाहे अपना फंड इसमें add करने  की सुविधा होती है।

3. लक्ष प्राप्ति में सहायक :


आप चाहे तो अपने किसी खास लक्ष्य प्राप्ति के लिए म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कर सकते है। जिसमे आप सिस्टेमेटिक तरीके से अपना पैसा लगाते रहने से आपका लक्ष बहुत जल्द प्राप्त हो जाता है। सभी लोगो का कई तरह का goal होता है, जैसे बच्चो को पढ़ाई, घर या प्लॉट खरीदना, four wheeler, two wheeler खरीदना आदि लक्ष्यों को ध्यान में रखकर इस फंड में SIP करके अपना लक्ष्य प्राप्ति कर पाएंगे। इसे आप इस तरीके से कर पाएंगे जैसे आप किसी चीज खरीदने पर EMI को प्रतिमाह चुकाते रहते है। फर्क सिर्फ इतना होता है EMI को आप खरीदी हुई चीज के परतावे के लिए चुकाते है, और SIP को आप अपना चुना हुआ लक्ष प्राप्त करने के लिए अमाउंट डालते रहते है। एक तरह से आप इसमें इन्वेस्ट ही करते रहते है, जो आपके लिए अच्छी आदत हो सकती है। इन दोनो में एक फर्क ये भी होता है की EMI के लिए आपको इंट्रेस्ट (ब्याज) देना पड़ता है तो SIP करके आपको उसपर ब्याज मिलता है, इसलिए आपके लक्ष्य आसानी से पूरे हो जाते है। 

4. कंपाउंडिंग का लाभ :


म्यूचुअल फंड्स में आपको कंपाउंडिंग का लाभ भी मिलता है, लेकिन इसका सही लाभ आपको तब मिलता है जब आप लंबे समय के लिए इसमें निवेश करते है। मेरे कहने का मतलब अगर आप इसमें छे महीने के लिए अपना पैसा लगाते है तो उतना लाभ नहीं मिलेगा, लेकिन अगर इसी इन्वेस्टमेंट को 10 से 12 साल बरकरार रख लिया तो आप इसमें बहुत बड़ी अमाउंट में लाभ प्राप्त कर पाएंगे। जितने ज्यादा साल तक आप टिके रहते है उतना ही ज्यादा रिटर्न के आप हकदार हो सकते है। कंपाउंडिंग आपके पैसों को जादुई तरीके से बढ़ता है। कंपाउंडिग का मतलब होता है चक्रवाढ ब्याज, यानी एक साल में जो इंट्रेस्ट आपने कमाया है, उस इंट्रेस्ट पर भी आपको अगले साल ब्याज मिलने लगता है, और ये प्रोसेस चलता ही रहता है, जब तक आपकी इन्वेस्टमेंट बनी रहती है। इसलिए आपको इसमें लंबी अवधि तक टिके रहने की जरूरत है।


यहां मैं आपको समझने के लिए एक छोटा सा उदाहरण देता हूं। मान लीजिए, आपने प्रतिमाह 5000 रुपए से SIP शुरू की, जिसमे आपको सरासरी 12% का रिटर्न मिल रहा है। अगर आप इस निवेश को 15 साल तक जारी रखते है तो आपको 15 साल बाद 25.2 लाख मिलेंगे। वही पर अगर आप अपने निवेश को 20 साल तक रखते है तो 20 साल बाद आपको 50 लाख मिलेंगे। यहां देखने वाली बात ये है की आपको पहले 15 साल में जितना रिटर्न मिला, उतना रिटर्न आपको सिर्फ 5 साल में मिल गया। ये सारा कमाल compounding का ही है, जो लॉन्ग टर्म में ज्यादा काम करता है।


5. कम जोखिम :


 जब हम शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं, तो हमें ज्यादा रिस्क उठाना पड़ता है। क्यो की शेयर मार्केट में उतार चढ़ाव चलता ही रहता है, जिससे हम डरे हुए रहते है। इसी कारण हम नुकसान लेकर निकल जाते है। अधिकतर लोगों के साथ यही होता है। क्यो की शेयर मार्केट में उतार चढ़ाव तो लगे ही रहते है लेकिन म्यूचुअल फंड में निवेश करके हमे कम रिस्क होता है, क्यू की हम इसमें लंबे समय के लिए अपना पैसा लगाया होता है। यह आपके पैसों पर एक्सपर्ट फंड मैनेजर की देखरेख में रहता है।  जो आपके पैसे को अलग अलग शेयर में लगाते है जिससे रिस्क काम हो जाता है। जिससे आपका फंड कई हद तक शेयर में investing की तुलना में कम जोखिम वाला हो जाता है। 


म्यूचुअल फंड में आप अपने हिसाब से high risk या low risk का चुनाव कर सकते है। हम जितना ज्यादा रिस्क लेंगे उतना आपको रिटर्न भी ज्यादा मिलता है, और हम जितना कम रिस्क लेंगे उतना आपको रिटर्न भी कम मिलता है। ये सब आप पर डिपेंड है की आप किस तरह के फंड में निवेश करना चाहते है।


6. सुरक्षित निवेश : 


जिस तरह इंडिया के सारे बैंक आरबीआई (RBI) की निगरानी में काम करते हैं, ठीक उसी तरह म्युचुअल फंड और शेयर मार्केट भी सेबी के नियंत्रण में काम करते हैं। सेबी हमेशा इन्वेस्टर के हित में काम करती है, और फंड मैनेजर के उपर SEBI का पूरा नियंत्रण होता है। क्यो की फंड मैनेजर्स SEBI द्वारा पंजीकृत होते है। इसलिए आपका फंड बहुत हद तक सुरक्षित रहता है। हालाकि म्यूचुअल फंड शेयर मार्केट से जुड़े होने कारण इनमे भी रिस्क होता है लेकिन नियंत्रित रिस्क होता है। जिसके कारण शेयर मार्केट की तुलना में कम रिस्की होता है।

7. निवेश करना बहुत आसान : 


दोस्तो, म्यूचुअल फंड में निवेश करना बहुत ही आसान है। निवेश करने के लिए आपको डायरेक्ट AMC की वेबसाइट का उपयोग किया जा सकता है। या फिर किसी zerodha, upstox या groww जैसे शेयर ब्रोकर्स के ऐप का उपयोग करके म्यूचुअल फंड में निवेश किया जा सकता है। आप इसमें म्यूचुअल फंड्स को एक दूसरे से compare करके अपना पोर्टफोलियो को अपने हिसाब से ट्रैक कर सकते है। आजकल ये सारी प्रोसेस online होने के कारण इसे कोई भी आसानी से कर सकता है। इसके लिए आपको बस एक बार eKYC करनी पड़ती है, जो की आसान है।

8. निवेश में विविधता : 

आप जो भी पैसा इन्वेस्ट कर रहे है वह पैसा अलग अलग सेक्टर में इन्वेस्ट किया हुआ रहता है, जिससे आपका पैसा diversified ( बटा हुआ) रहता है। जिससे आपका पैसा कुछ हद तक कम रिस्की हो जाता है। कई बार शेयर मार्केट में किसी सेक्टर में गिरावट आती है तो किसी सेक्टर में शेयर्स का प्राइस नई ऊंचाई बनाता है। जैसे बैंकिंग सेक्टर में गिरावट आ गई पर IT सेक्टर में शेयर्स में अच्छी बढ़त मिल गई तो आप को ज्यादा नुकसान झेलना नही पड़ता।हमारा पैसा diversified होने की वजह से आपको ऐसी कंडीशन में ज्यादा लॉस का सामना नहीं करना पड़ता। इस तरह diversified का लाभ भी आपको इसमें इन्वेस्ट करके मिलता है। जो लोग निवेश करने में एक्सपर्ट होते है वह अपने पोर्टफोलियो को हमेशा diversified करते रहते है ताकि उन्हें ज्यादा लॉस ना हो पाए।  ये सुविधा में म्यूचुअल फंड में देखने को मिलती है।


9. निवेश करने की कम लागत : 


mutual fund में निवेश करने के लिए आपको एक्सपेंसेज रेश्यो की सिवा और कोई लागत नहीं लगती, जो की 1 से 2% के लगभग लगती है। वही पर अगर आप डायरेक्ट प्लान के मुताबिक इन्वेस्ट करते है तो ये लागत और भी कम हो जाती है। कुलमिलाकर म्यूचुअल फंड में हमे शेयर मार्केट से कम के खर्चे लगते है।


10. समय की बचत :


जब आप स्टॉक मार्केट में निवेश करते हैं तो इसके लिए आपको अपना अमूल्य समय देना पड़ता है। 
लेकिन म्युचुअल फंड में निवेश करने से आपको अपना अमूल्य समय देने की कोई जरूरत नहीं पड़ती। जिस समय का उपयोग आप अपने बिजनेस या किसी और काम के लिए किया जा सकता है। अगर आप अपना पोर्टफोलियो दो चार महीने में एक बार भी देख लेते है, फिर भी चल जाता है। इसके लिए स्पेशली समय देने की आवश्यकता नहीं पड़ती।


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म्यूचुअल फंड के क्या नुकसान है? what is disadvantage of mutual fund?


friends, जिस तरह म्युचुअल फंड के कुछ लाभ होते हैं उसी तरह उसके कुछ disadvantage भी होते है। आइए इनको भी जान लेते है।


1. रिटर्न की अनिश्चितता :

आपने शायद कई बार सुना होगा की म्यूचुअल फंड निवेश करने पर आपको 12 से 15% का रिटर्न मिलता है। लेकिन सही मायने में इस की कोई निश्चितता नही होती। हालाकि कई ऐसे फंड भी होते है जो इतना अच्छा रिटर्न दे सकते है। लेकिन कुछ फंड्स ज्यादा रिटर्न नहीं दे पाते। म्युचुअल फंड शेयर मार्केट से जुड़े होने के कारण उनमें गिरना और बढ़ाना लगा रहता है। इसलिए इसमें रिटर्न की अनिश्चितता बनी रहती है। ऐसा ज्यादातर तब होता है जब कोई इन्वेस्टर शॉर्ट टर्म के लिए इसमें निवेश करता है। इसलिए कहा जाता है की म्यूचुअल फंड को लंबे समय के लिए ही प्लान करना चाहिए। कई सरकारी संस्थाओं में या बैंक में फंडिंग करने पर आपको निश्चित ब्याज मिलता है, इस तरह की निश्चितता म्यूचुअल फंड मे नही मिलती।

2. लॉक इन पीरियड : 

अधिकतर म्यूचुअल फंड्स में कोई लॉक इन पीरियड नही होता। लेकिन closs ended schemes  और ELSS में लॉक इन पीरियड होता है, इसलिए अपनी आवश्यकता के अनुसार सही म्यूचुअल फंड का चुनाव करे। आप को लॉक इन पीरियड में निवेश करना सही लगता है तो उसका चुनाव करे। लेकिन आपको कभी भी पैसों की इमरजेंसी में जरूरत पड़ सकती है तो बिना लॉक इन पीरियड वाला म्यूचुअल फंड का चुनाव करे। एक तरह से देखा जाए तो ये एक सुविधा ही है। लेकिन आपको फंड में इन्वेस्ट करने से पहले इस बात को जान लेना चाहिए।


3. म्युचुअल फंड रिटर्न पर टैक्स :


अधिकतर सरकारी योजनाओं पर किसी तरह का कोई टैक्स लागू नहीं होता लेकिन म्युचुअल फंड के बारे में ऐसा कुछ नहीं है। इसे एक साल के भीतर बेचने पर आपको short term gain चुकाना पड़ता है और 1 साल के बाद बेचने पर आपको long term gain पर टैक्स चुकाना पड़ता है। इसलिए म्यूचुअल फंड को खरीदने से पूर्व सारी बातो को समझ या पढ़ लेना चाहिए। इसे हमेशा लॉन्ग टर्म के लिए खरीदना सबसे बेस्ट रहता है।


4. शॉर्ट टर्म में जोखिम :



जैसे की मैंने पहले ही बताया था, म्यूचुअल फंड्स शेयर मार्केट से जुड़े होने की वजह से इसमें निवेश करना riskful होता है। अगर आप जोखिम उठाने की क्षमता रखते है तो ये आपके लिए सही choice होगी। अगर लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करते है तो आपके लिए ये रिस्क भी कम हो जाता है।

ओवरऑल देखा जाए तो लॉन्ग टर्म goal रखकर म्यूचुअल फंड में निवेश किया जाए तो आप अच्छे रिटर्न की उम्मीद कर सकते है। इसमें हमे कई तरह के फायदे मिलते है और किसी तरह का शेयर मार्केट की जानकारी हो या ना हो फिर भी आप इस में investment कर पाते है। कई लोगों को शेयर मार्केट को सीखना इंटरेस्टेड नही लगता। कोई लोग तो शेयर मार्केट को गैंबलिंग या जुआ समझते है तो कोई शेयर मार्केट को धोखाधड़ी वाली बात समझते है। उन सब लोगों के लिए म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करना बढ़िया ऑप्शन होगा। दोस्तो, उम्मीद करता हूं की आपको ये पोस्ट helpful लगी होगी। फिर मिलते है ऐसी ही helpful पोस्ट के साथ।


Summary: म्यूचुअल फंड क्या है, म्यूचुअल फंड के  फायदे और नुकसान क्या है?


दोस्तो, आपने म्यूचुअल फंड क्या है? म्यूचुअल फंड के फायदे और नुकसान के बारे काफी सारी बाते जान ली है। आशा करता हूं की ये पोस्ट आपको अच्छी और knowledgeful लगी होगी। इसी तरह को पोस्ट्स पढ़ने के लिए इस साइट पर विजिट करते रहे। दोस्तो, म्यूचुअल फंड के  फायदे और नुकसान क्या है? इस पोस्ट से जुड़े कुछ सवाल या suggestions है तो comment करके जरूर बताएं। ये पोस्ट अच्छी लगी है तो इसे सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करे। धन्यवाद..












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